हिमाचल प्रदेश में चंबा से मणिमहेश यात्रा मार्ग तक हुई भीषण तबाही के सातवें दिन प्रभावित यात्री जिला मुख्यालय पहुंचे। लौटने वालों ने पहली बार वहां का भयावह दृश्य साझा किया।
भलेई निवासी अभिषेक राजपूत ने बताया कि 23 अगस्त की सुबह अचानक मौसम बिगड़ गया। डल झील का परिक्रमा मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गया और तेज बहाव में अस्थायी दुकानें, लंगर और यात्रियों का सामान बह गया। हालात इतने गंभीर हो गए कि श्रद्धालु कई दिन वहीं फंसे रहे। 25 अगस्त को शिव गूर ने तबाही का कारण स्थल पर गंदगी फैलना बताया।
पुल और रास्ते बह गए
श्रद्धालुओं ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर डल झील से हड़सर की ओर वापसी शुरू की, लेकिन रास्ते पूरी तरह तबाह मिले। गौरीकुंड से भरमौर तक सड़कें टूट गईं और पुलिया बह गईं। लोग जैसे-तैसे पैदल हड़सर पहुंचे। वहां से लंगर समिति की गाड़ियों के सहारे भरमौर निकले और फिर कई दिन बाद चंबा लौट पाए।
श्रद्धालुओं की परेशानियां
ऊना निवासी रजत कुमार ने कहा कि कई यात्री बाइक से यात्रा पर आए थे और अब पैदल चंबा लौट रहे हैं, लेकिन हड़सर व भरमौर में खड़ी हजारों बाइकें उनकी चिंता का कारण बनी हुई हैं। वहीं, दुनाली और धन्छो में पुल बह जाने से यात्रियों को गौरीकुंड होकर लंबा रास्ता तय करना पड़ा।
‘लंगर समितियां न होतीं तो हालात और बिगड़ जाते’
जम्मू-कश्मीर व हिमाचल के यात्रियों ने बताया कि प्रशासन की मदद समय पर न मिलने से लोग बेहद परेशान रहे। हमीरपुर निवासी देवेंद्र कुमार ने कहा कि अगर लंगर समितियों ने भोजन और राहत न दी होती तो कई लोग भूख से जान गंवा देते। बिलासपुर निवासी गौरव ने बताया कि हड़सर में करीब 10 हजार वाहन क्षतिग्रस्त हुए।
खड़ामुख में भयावह हालात
मंडी की अनीता देवी ने बताया कि खड़ामुख में 2000 से अधिक लोग फंसे रहे। पहाड़ियां गिरती रहीं और बच्चे रोते रहे। नेटवर्क न होने से प्रशासन तक संपर्क संभव नहीं था। जेसीबी मशीनें मौके पर थीं, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि वहां से पैदल चंबा लौटने में पैरों में छाले पड़ गए। प्रशासन ने पहले से तैयारी की होती तो लोग इतनी मुसीबत में न पड़ते।
स्थानीय बुजुर्ग बने सहारा
लूणा गांव के एक बुजुर्ग ने यात्रियों के लिए अपने घर के दरवाजे खोल दिए। छह महीने का राशन लोगों के बीच बांट दिया और बिस्तर, चादरें तक उपलब्ध कराईं। सुल्तानपुर निवासी शिवम ने बताया कि उनकी यह मदद न होती तो सैकड़ों यात्री भूख से बेहाल हो जाते।