हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला सहित राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश और भूस्खलन से गंभीर स्थिति पैदा हो गई है। शिमला के जुन्गा तहसील में पटवार सर्कल डबलू के उप मोहाल जोत में एक घर भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिसमें पिता और उसकी 10 वर्षीय पुत्री की मौत हो गई। मृतक की पहचान वीरेंद्र कुमार (35) के रूप में हुई। उनकी पत्नी उस समय घर के बाहर होने की वजह से बाल-बाल बच गई। इस हादसे में कुछ मवेशियों की भी मौत हुई।
उसी समय शिमला के कोटखाई क्षेत्र में भी भूस्खलन हुआ। चोल गांव में एक मकान ढह गया और मलबे में दबने से बुजुर्ग महिला कलावती, पत्नी बालम सिंह, की मौत हो गई।
राज्यभर में रेड अलर्ट, यातायात और बिजली प्रभावित
प्रदेश में भारी बारिश के चलते रविवार को छह जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। कई घर क्षतिग्रस्त हुए और कई वाहन मलबे में दब गए। चार राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 662 सड़कें बंद हैं, 985 बिजली के ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं और 495 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। शिमला, कांगड़ा और कुल्लू हवाई अड्डों पर कोई उड़ान नहीं हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया। खराब मौसम के चलते शैक्षणिक संस्थानों को नौ जिलों में बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
सड़क और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित
शिमला में रविवार को भारी बारिश से कई जगह भूस्खलन हुए। हाईकोर्ट के पास चलती कार पर बिजली का खंभा गिर गया, हालांकि कोई चोट नहीं आई। सुन्नी क्षेत्र में हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस पर पहाड़ी से मलबा गिरा। विकासनगर में भूस्खलन में दो वाहन दब गए।
कुल्लू के नग्गर नाला में बाढ़ में दो लोग फंसे थे, जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया। ऊना जिले के कुड, हरोट, घढ़थोली और क्यारियां गांव में कई घर खतरे में हैं। कांगड़ा और हमीरपुर में कई मकान क्षतिग्रस्त हुए। सिरमौर में गिरि नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते जटौन बैराज के गेट खोलने पड़े। भरमौर-पठानकोट हाईवे और अन्य प्रमुख मार्ग बाधित हैं।
कुल्लू में ब्यास नदी के साथ कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। कांगड़ा जिले में पौंग बांध से 1.10 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया। चंबा के कंगेला गांव में पहाड़ी दरकने से दर्जनों मकान खतरे में हैं।
अगस्त में सामान्य से कई गुना अधिक बारिश
हिमाचल में अगस्त माह में सामान्य से 72 फीसदी अधिक वर्षा हुई। कुल्लू में 162, शिमला में 126, ऊना में 121, सोलन में 118 और चंबा में 104 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई। 24 से 31 अगस्त के बीच चंबा में 589, कुल्लू में 458 और शिमला में 349 फीसदी अधिक साप्ताहिक वर्षा हुई। प्रदेश में औसत 42.4 मिमी की जगह 165.6 मिमी बारिश हुई।