मूसलाधार बारिश ने शहर को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्रशासनिक टीमों की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक करीब छह हजार से अधिक घर जलभराव की चपेट में आए हैं। इनमें से लगभग एक हजार मकानों में मलबा भर गया, जबकि 150 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त पाए गए।
26 अगस्त की बारिश से निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे लोगों के घरों का सामान नष्ट हो गया। कई जगह दीवारें गिर गईं, फर्नीचर टूट गया और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब हो गए। गरीब परिवारों को इसका सबसे ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ा है। प्रशासनिक टीमें घर-घर जाकर नुकसान का आंकलन कर रही हैं। तहसीलदार और नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी भी सर्वे में जुटे हैं। रिपोर्ट पूरी होने के बाद पात्र परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र
मुट्ठी, राजेंद्र नगर, गुज्जर नगर, पीरखो, राजीव नगर, तालाब तिल्लो, जानीपुर, सैनिक कॉलोनी, गंग्याल, जीवन नगर, संजय नगर, कुंजवानी और अपना बिहार इलाकों में सबसे ज्यादा तबाही की सूचना है। वार्ड 32, 61 और 72 में पानी लंबे समय तक रुका रहने से हालात गंभीर बने रहे।
घरेलू सामान और फर्नीचर बर्बाद
बरसात से कई घरों में दो से तीन फुट तक पानी भर गया। फर्नीचर का प्लाईवुड फूलकर खराब हो गया। टीवी, फ्रिज, लैपटॉप, पंखे और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण बेकार हो गए। फर्नीचर कारोबारी बताते हैं कि बारिश के बाद नई डिमांड भी बढ़ गई है।
वाहन भी बने शिकार
शहरभर में लगभग 200 वाहन पानी और कीचड़ से खराब हो गए हैं। करीब 50 गाड़ियां पेड़ और मलबा गिरने से क्षतिग्रस्त पाई गईं। प्रभावित क्षेत्रों में वाहन स्टार्ट न होने की समस्या आम रही।
नगर निगम पर लापरवाही के आरोप
कई पूर्व पार्षदों ने नगर निगम पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई। नालों की सफाई और गहराई बढ़ाने पर जोर दिया गया था, लेकिन सुधार न होने से लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
राहत कार्य जारी
जिला प्रशासन का कहना है कि राहत और बहाली का काम जारी है। अधिकांश प्रभावित क्षेत्रों में सफाई और निकासी की कार्रवाई हो चुकी है, जबकि शेष इलाकों में तेजी से कार्य पूरा किया जा रहा है।
+