झिड़ी मेला मंगलवार को भी जारी है। हजारों लोग पंजाब समेत पूरे उत्तर भारत से पहुंचे हुए हैं। मेला अगले एक सप्ताह तक चलेगा, जो बाबा जित्तो की शहादत के स्मरणोत्सव का प्रतीक है। यह सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। हर समुदाय को एकजुट करता है। बाबा जित्तो ने 500 वर्ष पहले जमींदार की दमनकारी मांगों के विरोध में जीवन बलिदान कर दिया था।
वहीं, पारंपरिक दंगल प्रतियोगिता कराई गई। इसमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से पेशेवर पहलवान शामिल हुए। पहले दिन 10 लाख श्रद्धालुओं के नतमस्तक होने की जानकारी है। इस दौरान कृषि विभाग समेत कई अन्य विभागों के स्टाल लगाए गए।
विशेषकर किसानों को उनके लाभ के लिए शुरू नई योजनाओं और प्रौद्योगिकी के बारे में सूचित करने के लिए विशेष जागरूकता स्टाल लगाए। मंडलायुक्त ने कहा कि यह लोकप्रिय मेला है, इसलिए सरकारी विभागों ने हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है, जबकि सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
सोमवार को तेज बारिश के बीच श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। मेला स्थल से एक किलोमीटर दूर तक श्रद्धालु पैदल चलकर बाबा जित्ताे के द्वार पहुंचे। देर रात तक यह सिलसिला चलता रहा। मेले में हजारों दुकानें सजाई गई हैं। स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों द्वारा राजमा-चावल, कड़ी, खिचड़ी, आलू एवं गोभी के लंगर लगाए गए हैं। सर्कस, मौत का कुआं और बच्चों के लिए कई तरह की मनोरंजन गतिविधियां करवाई जा रही हैं। इसके लिए बाकायदा पार्क तैयार किया गया है।
बाबा तालाब में पक्षियों के झुंड ने भी लगाई डुबकी
बाबा तालाब में कई पक्षियों का आगमन हुआ। झुंड में पक्षी तालाब में डूबकी लगाकर उड़ गए। जब लोगों ने यह दृश्य देखा तो कहने लगे कि पूर्वज पक्षियों द्वारा किए गए गल्तियों का पश्चाताप करने पक्षी पहुंचे है। बाबे दा तालाब में सुंगल स्नान का महत्व काफी है। यहां पर स्नान से मन्नत पूरी होती है। चरम रोगियों का कष्ट दूर होता है। वहीं, श्रद्धालुओं ने करीब 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा करने के बाद प्राचीन मंदिर में हाजिरी भरी। कतारों में लगे श्रद्धालुओं ने बाबा जित्तो व बुआ कौड़ी के जयकारे लगाए। इस दौरान जिला डीडीसी सदस्य मढ़ बलबीर लाल, बीडीसी चेयरमैन सुरेंद्र कुमार, डीसी सचिन कुमार वैश्य, एसएसपी विनाेद कुमार, एसएसपी ट्रैफिक फैजल कुरैशी मौजूद रहे।
माताओं ने निकाली बच्चों के नाम की शक्कर
लाखों श्रद्धालुओं ने तालाब के पास बच्चों के नाम की शक्कर निकलवाई। पंजाब से आई निर्मला देवी, तोशी कुमारी, आरती शर्मा, सुनीता देवी, रजनी बाला ने बताया कि उन्होंने पहले बच्चे के लिए मन्नत मांगी थी। बाबा की दया से घरों में खुशहाली बनी हुई है। उधर, एसडीएम व मेला अफसर मनु हंसा ने सुरक्षा व सफाई का जायजा लिया। दुकानदारों को आसपास सफाई रखने की हिदायत दी।