जम्मू में गुरुवार को कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान राजभवन की ओर बढ़ते हुए पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की धक्का-मुक्की भी हुई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने कुछ कांग्रेस के नेताओं को हिरासत में भी लिया।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ रहे आतंकवादी हमले के खिलाफ कांग्रेस ने आज प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि भाजपा के आतंकवाद को खत्म करने के दावे बिल्कुल खोखले हैं। दो महीनों में दस से अधिक आतंकी वारदातें हो चुकी हैं, जिसमें आम लोगों के साथ सैनिकों ने भी अपने जान गंवाई हैं। भाजपा बैठक के बाद बैठक कर रही है, लेकिन सफलता कुछ नहीं मिल रही है।
साथ ही उन्होंने उपराज्यपाल को और अधिक अधिकार दिए जाने का विरोध किया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा को विधानसभा चुनाव में अपनी हार साफ नजर आ रही है। इसलिए चुनाव होने से पहले ही उपराज्यपाल को अतिरिक्त शक्तियां दे दी गईं।
जम्मू-कश्मीर मामलों के कांग्रेस प्रभारी भरत सिंह सोलंकी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकार रसूल वानी और कई अन्य पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता रेजीडेंसी रोड स्थित पार्टी मुख्यालय से बाहर आए और राजभवन की ओर मार्च करना शुरू किया।
हालांकि, बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन आक्रोशित और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी बैरिकेड पार कर करीब एक किलोमीटर तक चले गए, जिसके बाद उनके नेताओं को हिरासत में ले लिया गया और पुलिस वाहनों में ले जाया गया।
सोलंकी ने कहा, “भाजपा के सभी बड़े दावे, विशेष रूप से 2019 के बाद के विकास, शांतिपूर्ण जम्मू क्षेत्र में बढ़ती आतंकी घटनाओं के सामने धराशायी हो गए हैं। उपराज्यपाल को सभी शक्तियां देने का मतलब है कि जनता की सरकार चुने जाने के बाध बी दिल्ली से जम्मू-कश्मीर पर शासन राज कायम रहे, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष वानी ने भी भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन आतंकवाद का कोई अंत नहीं हुआ है जो पूरे केंद्र शासित प्रदेश में नए क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है।