जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हालिया सीमा तनाव के बाद प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति का आकलन किया। उन्होंने तंगधार क्षेत्र का भी निरीक्षण किया, जो पाकिस्तानी गोलाबारी से सबसे अधिक प्रभावित हुआ था। मीडिया से बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि गनीमत है कि किसी की जान नहीं गई, लेकिन संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि नुकसान का आकलन कर प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाएगा।
सामुदायिक बंकरों पर उठाए सवाल
मुख्यमंत्री ने इस दौरान बताया कि क्षेत्र में बनाए गए सामुदायिक बंकर काफी समय से उपयोग में नहीं आए हैं और हाल के वर्षों में कोई नया बंकर नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि एक-दो दिनों में नुकसान का आकलन पूरा कर राहत और पुनर्वास का कार्य शुरू किया जाएगा। साथ ही, सीमावर्ती निवासियों के लिए व्यक्तिगत घरेलू बंकर बनाने पर भी विचार किया जाएगा।
सीमावर्ती शांति की उम्मीद
उमर अब्दुल्ला ने बताया कि उपायुक्त (साइबर) नुकसान का आकलन कर मुआवजे में सहायता कर रहे हैं। लोगों ने सुझाव दिया है कि सामुदायिक बंकरों की बजाय व्यक्तिगत बंकर बनाए जाएं, जिस पर सरकार योजना बनाएगी और केंद्र सरकार से बातचीत करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि संघर्षविराम कायम रहे और सीमा पर शांति बनी रहे।
कुपवाड़ा अस्पताल में घायल लोगों से मिले
उमर अब्दुल्ला ने कुपवाड़ा के उप जिला अस्पताल का दौरा कर पाकिस्तानी गोलाबारी में घायल लोगों से मुलाकात की और उनकी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गोलाबारी के कारण कई लोग घायल हुए थे, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राहत की बात यह है कि इस हमले में किसी की मौत नहीं हुई।
सीमावर्ती निवासियों से घर लौटने की अपील
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि जो लोग सीमा पर गोलाबारी के डर से अपने घर छोड़कर चले गए थे, वे अब वापस लौट सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहमति बन गई है, जिससे युद्ध जैसे हालात अब नहीं हैं। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पुंछ का लगभग 80-90 प्रतिशत हिस्सा खाली है, लेकिन अब शांति बहाल होने के बाद लोगों को अपने घर लौटना चाहिए।