धार (मध्यप्रदेश)। जहरीले कफ सिरप कांड में फरार चल रही मुख्य आरोपी डॉ. प्रवीण सोनी की पत्नी और सह-आरोपी ज्योति सोनी आखिरकार एसआईटी के हत्थे चढ़ गई। सोमवार को पुलिस टीम ने उसे परासिया से गिरफ्तार किया। ज्योति पर साक्ष्य नष्ट करने और अपराध में सहयोग देने का गंभीर आरोप है। वह परासिया में एक मेडिकल स्टोर संचालित करती थी और लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रही थी।

फरारी के दौरान बदले ठिकाने

डीएसपी जितेंद्र जाट ने बताया कि फरारी के दौरान ज्योति सोनी ने बैंगलुरु और बनारस में शरण ली थी। इसी बीच उसने जबलपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत लेने की कोशिश भी की थी, लेकिन प्रयास असफल रहे। विश्वसनीय सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसआईटी ने सोमवार को परासिया में छापा मारा और उसे दबोच लिया। मंगलवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।

साक्ष्य छिपाने का आरोप

ड्रग विभाग की जांच में सामने आया कि ज्योति सोनी ने फार्मासिस्ट सौरभ जैन और न्यू अपना फार्मा संचालक राजेश सोनी के साथ मिलकर जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ के स्टॉक में हेराफेरी की थी। रिपोर्ट में बताया गया कि तीनों ने डॉ. प्रवीण सोनी को बचाने के लिए रिकॉर्ड और साक्ष्य मिटाने की कोशिश की थी। सौरभ और राजेश पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि अब ज्योति भी पुलिस की गिरफ्त में है।

गिरफ्तारी या सरेंडर? शहर में चर्चा

ज्योति की गिरफ्तारी को लेकर परासिया में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उसने स्वेच्छा से आत्मसमर्पण किया, जबकि पुलिस का कहना है कि यह गिरफ्तारी है, समर्पण नहीं। एसआईटी अब उससे पूछताछ कर यह जानने की कोशिश करेगी कि फरारी के दौरान उसने किनसे संपर्क किया और सबूतों को कैसे नष्ट किया गया।

यह मामला उस दर्दनाक घटना से जुड़ा है जिसमें जहरीले कफ सिरप के सेवन से 22 मासूमों की मौत हो गई थी। पुलिस का दावा है कि ज्योति की गिरफ्तारी से अब पूरे रैकेट की कड़ियां स्पष्ट हो सकेंगी।