दिसंबर में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनावों से पहले नासिक की सियासत अचानक गर्म हो गई है। भाजपा और एनसीपी नेताओं की लगातार हो रही बैठकों ने दोनों दलों के बीच नए समीकरण बनने की अटकलें तेज कर दी हैं। इसी माहौल में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने दावा किया है कि पार्टी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के साथ हाथ मिला चुकी है, हालांकि कांग्रेस ने ऐसे दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। चुनाव नजदीक आते ही नासिक राज्य की राजनीति का केंद्र बनता दिख रहा है।
भाजपा–एनसीपी नेताओं के बीच बढ़ी नजदीकियाँ
सोमवार को पूर्व एनसीपी सांसद समीर भुजबळ ने नासिक में राज्य सरकार के मंत्री गिरीश महाजन से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि बैठक में आगामी नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों को ध्यान में रखते हुए सीटों और रणनीति पर लंबी चर्चा हुई। बैठक में येवला, नांदगांव और मनमाड़ के स्थानीय समीकरणों पर भी विचार-विमर्श हुआ। राज्य में 2 दिसंबर को 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए मतदान होना है।
इससे पहले शनिवार को भाजपा के जिला चुनाव प्रभारी डॉ. राहुल आहेर ने भी भुजबळ से उनके येवला कार्यालय में मुलाकात कर राजनीतिक समीकरणों पर बातचीत की थी। जिला भाजपा नेतृत्व के कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे। सूत्र बताते हैं कि दोनों दलों के बीच बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है और जल्द ही किसी गठबंधन की औपचारिक घोषणा हो सकती है।
मनसे का दावा—'एमवीए में शामिल हो गई पार्टी'
इसी बीच मनसे नेता दिनकर पाटिल ने दावा कर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी कि पार्टी महा विकास अघाड़ी के साथ चुनावी गठबंधन में शामिल हो चुकी है। उनका कहना है कि मतदाता सूची की अनियमितताओं, किसानों के नुकसान और स्थानीय मुद्दों को लेकर सभी दलों ने एक मंच पर आने पर सहमति व्यक्त की है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम फैसला राज ठाकरे ही लेंगे।
कांग्रेस ने साफ किया रुख—कोई फैसला नहीं
मनसे के दावे के बाद कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि पार्टी ने अब तक मनसे के साथ किसी गठबंधन पर चर्चा नहीं की है। नासिक के स्थानीय कांग्रेस नेता राहुल दिवे ने बताया कि वे मामले को वरिष्ठ नेतृत्व के संज्ञान में लाएंगे। वहीं प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि मनसे के साथ किसी तालमेल को लेकर पार्टी स्तर पर कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है।
शिवसेना–मनसे समीकरणों पर भी नजर
राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि पिछले कुछ महीनों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच कई बार मुलाकात होने के बाद दोनों दलों के बीच नए गठजोड़ की संभावना बढ़ गई है। हालांकि, कांग्रेस अभी भी मनसे को एमवीए में शामिल करने को लेकर उत्साहित नहीं दिखती।
विपक्ष की एकजुटता और सत्तारूढ़ दल का पलटवार
सीपीएम नेता डी.एल. कराड का कहना है कि भ्रष्टाचार, जातिगत राजनीति और शासन की विफलताओं के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। दूसरी ओर, सत्ता पक्ष इन गठबंधनों को अवसरवादी बताते हुए विपक्ष की मंशा पर सवाल उठा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम महाराष्ट्र के आगामी राजनीतिक समीकरणों को नई दिशा दे सकते हैं।