मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को दावा किया कि निम्न आय वर्ग के परिवारों की महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘लाडकी बहिन योजना’ महाराष्ट्र के लोगों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति गठबंधन के पक्ष में वोट देने के लिए ‘‘छलने’’ की एक सुनियोजित योजना है।
पार्टी ने इस योजना में कथित अनियमितताओं की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने की मांग की।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने यहां एक बयान में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि 2.5 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों की महिलाओं के लिए बनाई गई इस योजना के तहत 12,431 पुरुषों को 13 महीने तक 1,500 रुपये प्रति माह दिए गए जिसकी कुल राशि 24.24 करोड़ रुपये आंकी गई।
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार ने नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में वोट हासिल करने के लिए ‘‘भाइयों को बहनों’’ में बदलने की कोशिश की।
इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने निर्णायक जीत हासिल की थी। इस गठबंधन में शिवसेना और राकांपा भी शामिल हैं।
विपक्षी दल के प्रवक्ता ने गरीब महिलाओं के लिए लाई गई योजना के तहत पुरुषों को धन देने को ‘‘हास्यास्पद छल’’ करार देते हुए कहा कि सरकार अपने प्रमुख कल्याणकारी कार्यक्रम के कार्यान्वयन को लेकर बेनकाब हो गई है।
क्रैस्टो ने बताया कि इससे पहले महायुति सरकार ने इस योजना के 26 लाख से अधिक अपात्र लाभार्थियों की खुद पहचान की थी।
इस योजना को पिछले साल विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शुरू किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह साबित करता है कि यह (लाडकी बहिन) महाराष्ट्र के लोगों को लुभाने और बरगलाने की एक सुनियोजित योजना है ताकि वे उन्हें (सत्तारूढ़ गठबंधन को) वोट दें। वोट लुभाने वाली इस योजना की सच्चाई अब सबके सामने आ रही है।’’
क्रैस्टो ने मांग की कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस योजना के खराब क्रियान्वयन की पूरी जिम्मेदारी लें और कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करें तथा लोगों को ‘‘गलत कामों’’ के बारे में स्पष्टीकरण दें।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक आदित्य ठाकरे ने भी कहा कि लाडकी बहिन योजना में ‘‘164 करोड़ रुपये के घोटाले’’ की खबरें हैं और यह सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और राजनीतिक संरक्षण के बिना नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘योजना के नाम पर सरकारी धन की हेराफेरी भाजपा और शिवसेना की पुरानी चाल है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका में भी यही हो रहा है।’’
पूर्व मंत्री ने कहा कि दूसरी ओर, किसानों के लिए यह एक काली दिवाली रही क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हाल में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल के नुकसान और मिट्टी के कटाव के लिए सरकार से पर्याप्त वित्तीय सहायता नहीं मिल रही।
ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘जो लोग सत्ता में हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि जनता उन पर नजर रख रही है।’’
इस योजना को संचालित करने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस वर्ष की शुरुआत में पात्र आवेदकों की पहचान सत्यापित करने के लिए सभी सरकारी विभागों से जानकारी मांगी थी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने जुलाई में कहा था कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने विवरण प्रस्तुत किया है कि लगभग 26.34 लाख अयोग्य लाभार्थियों को लाडकी बहिन योजना के तहत वित्तीय सहायता मिल रही है।