महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में भाजपा कार्यकर्ता के घर से कथित तौर पर चुनाव में बांटने के लिए रखी गई नकदी मिलने के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। इस मामले में भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं के बीच बयानबाजी तेज हो गई है।
बुधवार को शिवसेना के विधायक निलेश राणे ने दावा किया कि उन्होंने एक स्टिंग ऑपरेशन किया, जिसमें एक भाजपा कार्यकर्ता के घर से नकदी से भरा बैग बरामद हुआ। निलेश राणे का आरोप है कि यह पैसा आगामी 2 दिसंबर को होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में मतदाताओं को बांटने के लिए रखा गया था। भाजपा ने इन आरोपों का खंडन किया है।
जांच सही, पर कार्रवाई के तरीके पर विवाद
राजस्व मंत्री और भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि यदि पैसे का गलत इस्तेमाल हुआ है तो कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन उन्होंने निलेश राणे की कार्रवाई पर सवाल उठाया और कहा, “किसी के घर में सीधे घुसकर स्टिंग ऑपरेशन करना सही नहीं है। यह जांच का विषय है कि बरामद पैसा व्यापार से जुड़ा है या चुनाव के लिए रखा गया था।”
नितेश राणे ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे ने कहा कि कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पास होटल, क्रशर या अन्य व्यवसाय हैं, इसलिए घर में नकद होना असामान्य नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है और कहा, “हम्माम में सब नंगे होते हैं।”
भाजपा ने आरोपों को बताया राजनीतिक साजिश
भाजपा नेता अशीष शेलार ने भी निलेश राणे के आरोपों को झूठा बताया और कहा कि इससे गठबंधन के भीतर अनावश्यक विवाद पैदा हो रहा है। वहीं, चुनाव अधिकारियों और पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच की और नकदी बरामद की। भाजपा कार्यकर्ता का कहना है कि बरामद पैसा उसके व्यापार से संबंधित है और चुनाव से इसका कोई संबंध नहीं है।
चुनाव नजदीक, राजनीतिक तापमान चरम पर
महाराष्ट्र में 2 दिसंबर को नगरपालिका और नगर पंचायतों के चुनाव होने हैं। ऐसे में यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जा रहा है और भाजपा-शिवसेना गठबंधन में खींचतान बढ़ती दिखाई दे रही है।