चंडीगढ़ के पुलिस थानों और चौकियों में लगे सीसीटीवी कैमरे यूटी प्रशासन को जल्द अपग्रेड करने होंगे। हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई के लिए प्रशासन को 6 महीने का अतिरिक्त समय देने से इंकार कर दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासन को 10 मई तक यह कार्रवाई करने को कहा है। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत प्रशासन को यह निर्देश दिए हैं।

Punjab And Haryana High Court Chandigarh Ordered Cannot Be Given Protection  To Minor For Live In A Consensual Relationship - चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा  हाईकोर्ट ने कहा-नाबालिग को सहमति संबंध में ...

हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान साफ कर दिया है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो मामले में सरकारों के खिलाफ कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है। हाईकोर्ट जस्टिस अमोल रतन सिंह की बेंच केस की सुनवाई कर रही है। बैंच ने कहा है कि चंडीगढ़ के अलावा पंजाब और हरियाणा के लिए भी यही आदेश है और वे इसका सख्ती से पालन करें।

अफसरों को हलफनामा पेश करना होगा

मामले में अब 18 अप्रैल के लिए सुनवाई तय करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/गृह सचिव का हलफनामा पेश करने को कहा है। इसमें वह अभी तक हुई प्रोग्रेस की जानकारी देंगे। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान हैरानी जताई कि 6 महीने से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी यूटी प्रशासन और समय मांग रहा है। इस मांग के पीछे कोई उचित आधार नजर नहीं आता।

प्रशासन ने कहा था- अपग्रेडेशन में ज्यादा समय लग जाएगा

मामले में यूटी की ओर से पेश वकील ने कहा था कि चंडीगढ़ के सारे थानों और चौकियों में कैमरे लगे हुए हैं। उनकी अपग्रेडेशन के लिए ही 5 से 6 महीने का समय मांगा गया था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च, 2021 के आदेश में इस कार्रवाई के लिए तय समय रखा था। हालांकि 6 अप्रैल के आदेश में कुछ और समय दिया था।

लेकिन केंद्र सरकार को पुराने आदेशों की पालना के लिए करीब 7 महीने दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के परमवीर सिंह सैणी केस में सुनाए आदेशों के तहत दोनों राज्यों समेत चंडीगढ़ के लिए आदेश जारी किए थे। हाईकोर्ट ने साफ किया है कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को कोई राहत नहीं दी गई थी। 2 मार्च के आदेशों को 1 अप्रैल से प्रभावी बनाने के लिए कहा गया था।