इसे लापरवाही ही कहेंगे। फिरोजपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चा कई घंटे तक अकेला अपनी कक्षा के कमरे में बंद रहा। क्योंकि बच्चा कक्षा में सो रहा था और स्कूल स्टाफ सदस्य कमरे के दरवाजे पर ताला लगाकर घर चले गए। छुट्टी होने के काफी देर बाद तक बच्चा घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। गांव में अफरातफरी मच गई। स्कूल के बंद कमरे से बच्चे की रोने की आवाज आई तो कमरे में लगे ताले की चाबी मंगवाकर ताला खोला गया। जब बच्चे को बाहर निकाला तो वह घबराया हुआ था। यह घटना फिरोजपुर के गांव माछीवाला कमगर स्थित सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल में हुई है।
दादी मनजीत कौर ने बताया कि उसका पोता लवप्रीत स्कूल से छुट्टी होने के काफी समय तक घर नहीं पहुंचा तो तलाश शुरू कर दी गई। गांव के गुरुद्वारे में पोते को देखने पहुंची वहां भी नहीं मिला तो गांव में घर-घर बच्चे की तलाश की।
पिता गोबिंद ने बताया कि उसकी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों से पूछताछ की गई। बच्चों ने बताया कि लवप्रीत कक्षा में बैंच पर सो रहा था। गांव के लोग स्कूल पहुंचे तो कक्षा में से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। बच्चे को कक्षा से बाहर निकाला तो वह डरा हुआ था।
गोबिंद ने बताया कि उसका बेटा दूसरी कक्षा में पढ़ता है। टीचरों की जिम्मेदारी बनती है कि छुट्टी होने पर स्कूल की प्रत्येक कक्षाओं की चेकिंग करें। उसके बाद कक्षाओं में ताले लगाएं और स्कूल का मुख्य दरवाजा बंद करें। परिवार ने आरोप लगाया कि उनका बच्चा स्कूल शिक्षकों की लापरवाही के चलते कक्षा के अंदर बंद रह गया। उसकी मांग है कि शिक्षा विभाग स्कूल के शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करे।
उधर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें मामले के बारे में जानकारी नहीं है। क्योंकि अभी तक उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। अगर उनके पास मामले में शिकायत आएगी, तो मामले की जांच के बाद संबंधित शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।