गैंगस्टर दविंदर बंबीहा ग्रुप के नाम पर रंगदारी मांगने वाले दो आरोपियों को सीआईए पुलिस ने अवैध हथियारों समेत गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों के पास से 32 बोर का देसी पिस्टल और चार जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। आरोपी पीड़ित व्यापारी को डराने के लिए उसके घर के सामने फायरिंग करने आ रहे थे, लेकिन उससे पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरोपियों की पहचान परमिंदर सिंह उर्फ गोलू निवासी प्रीत नगर गिद्दड़वाह जिला मुक्तसर साहिब और सुशील कुमार उर्फ टिकोला निवासी ढाणी चौटाला जिला सिरसा हरियाणा के तौर पर हुई है।
वीरवार को प्रेसवार्ता कर एसएसपी अमनीत कौंडल ने बताया है कि शहर के एक व्यापारी ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि 16 सितंबर को व्हाट्सएप काल के जरिए उससे रंगदारी की मांग की गई थी। फोन करने वाला खुद को दविंदर बंबीहा ग्रुप का सदस्य बता रहा था। आरोपी ने उसे धमकी दी है कि अगर पैसे नहीं दिए, तो उसे बठिंडा के कारोबारी हरमन कुलचा वाले की तरह मार दिया जाएगा। बता दें कि पिछले साल स्थानीय माल रोड पर हरमन कुलचा के मालिक की गैंगस्टरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एसएसपी कौंडल ने बताया कि पीड़ित की शिकायत मिलने के बाद एसपी डी अजय गांधी, डीएसपी टू सरबजीत सिंह और डीएसपी डिटेक्टिव राजेश शर्मा के नेतृत्व में आपरेशन चलाया गया और सीआईए विंग वन को उक्त गिरोह को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई। जांच में पता चला कि व्यापारी को आरोपी परमिंदर सिंह उर्फ गोलू और सुशील कुमार उर्फ टिकोला ने फोन पर धमकी दी थी। इसके बाद आरोपियों की तलाश शुरू की गई।
इसी बीच बुधवार को पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी गांव गोबिंदपुरा की नहर पटरी के पास देखे गए हैं। इसके बाद सीआईए स्टाफ ने छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारी ने कहा है कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान कथित आरोपियों ने खुलासा किया है कि वे पीड़ित व्यापारी को डराने के लिए उसके घर के सामने फायरिंग करने वाले थे।
एसएसपी के मुताबिक आरोपी परमिंदर सिंह के खिलाफ पहले भी दो केस सिरसा और गिद्दड़बाहा में दर्ज हो चुके हैं। आरोपित वर्ष 2016 में गिद्दड़बाहा में दर्ज मामले में फरार चल रहा था। इसी तरह सुशील कुमार के खिलाफ हरियाणा के डबवाली और संगरिया में तीन अलग-अलग मामले दर्ज हैं। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान पता लगाया जाएगा कि आरोपियों ने ऐसी और कितनी वारदातों को अंजाम दिया है और उन्हें अवैध हथियार कहां से मिले।