पंजाब में डेंगू का डंक बढ़ता ही जा रहा है। हर रोज जिलों में औसतन 30 से 40 मरीज डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। अब तक प्रदेश में 8600 से अधिक लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। डेंगू को लेकर बिगड़ रहे हालात पर पंजाब सरकार ने भी चिंता जताई है।
अभी तक डेंगू नियंत्रण के लिए पंजाब सरकार भी कई कदम उठा चुकी है। उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी के निर्देश पर मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को जिलों में तैनात कर दिया गया है। साथ ही दो दिन की फील्ड विजिट भी जरूरी कर दी गई है। निजी अस्पताल डेंगू परीक्षण को लेकर लोगों से ज्यादा पैसे की वसूली न कर सकें इसके लिए पंजाब सरकार की ओर से परीक्षण का शुल्क 600 रुपये तय कर दिया है। इतना सब कुछ होने के बाद भी हालात पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है।
लगातार जिलों में डेंगू के मरीजों की संख्या 30 से 40 के करीब प्रतिदिन बढ़ रही है। पिछले साल इस साल के मुकाबले डेंगू संक्रमितों की संख्या काफी कम थी। 2020 में 3200 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी, जबकि इस वर्ष अभी तक 8600 से अधिक मरीज सूबे में मिल चुके हैं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बीच लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों को लेकर भी अब पंजाब सरकार की चिंताएं बढ़ने लगी हैं।
पांच जिलों में ज्यादा प्रकोप
राज्य के पांच जिलों में हालात ज्यादा बेकाबू हैं। इन जिलों में अब तक 1000 से 1500 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें बठिंडा, होशियारपुर, मोहाली, अमृतसर और पठानकोट शहर शामिल हैं।
बे-मौसम बरसात ने बढ़ाई चिंता
चिकित्सकीय विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल के अंत में डेंगू के मामले ज्यादा बढ़ते हैं। इस बार बेमौसम के हो रही बरसात के कारण भी डेंगू का लारवा ज्यादा मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाई जा रही विशेष ड्राइव के दौरान घरों में इंडोर प्लांट और फ्रिज में भी कई स्थानों के निरीक्षण के दौरान डेंगू का लारवा मिला है।