दुष्कर्म के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व विधायक सिमरजीत बैंस की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका दाखिल करते हुए कमलप्रीत सिंह की गवाही व पूर्व में जांच कर रही आईपीएस अश्विनी गुटयाल की जांच रिपोर्ट की प्रति याची को सौंपने की मांग की गई है।
एक महिला की शिकायत पर लुधियाना की जिला अदालत ने गत वर्ष 10 जुलाई को सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। आदेश के अनुरूप लुधियाना डिवीजन-6 के पुलिस थाने में सिमरजीत बैंस के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले के ट्रायल में शामिल नहीं होने के पर अदालत ने उन्हें भगोड़ा करार दे दिया था और बैंस ने 11 जुलाई को अदालत में समर्पण कर दिया था। इस मामले में बैंस ने पहले लुधियाना की अदालत से नियमित जमानत देने की मांग की थी जिसे नौ सितंबर को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद बैंस ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमित जमानत देने की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने आरोपी बैंस को नियमित जमानत का लाभ दे दिया था। इसके बाद बैंस ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि इस मामले में एक गवाह की गवाही उसे उपलब्ध नहीं करवाई गई है। पूर्व में जांच कर रही आईपीएस अधिकारी की रिपोर्ट इस मामले में उनके लिए बेहद अहम है और ऐसे में यह दोनों दस्तावेज उन्हें मुहैया करवाए जाएं। पंजाब सरकार ने याची की दलीलों का विरोध नहीं किया था। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता को गवाही व मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध करवाएं ताकि वह अपने केस में अपना बचाव कर सके।
अब याचिका दाखिल करते हुए उन्होंने बताया कि जिला अदालत ने आदेशों का पालन सही प्रकार से नहीं किया है और उन्हें मांगी गई जानकारी नहीं मिली है। साथ ही अपील की है कि उनके खिलाफ इस मामले में कार्रवाई को आगे बढ़ाने पर रोक लगाई जाए।