अमृतसर शहरी पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो महिलाओं के जरिये लोगों को फंसा कर अश्लील वीडियो बनाता और फिर उन्हें ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूलता था। इस नेटवर्क के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर भी शामिल है, जो पीड़ितों को डरा-धमका कर पैसे ऐंठता था।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और गिरोह की पहुंच
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सुखचैन सिंह (अड्डा उमरपुरा, बटाला), मनजीत सिंह (लेबर कॉलोनी, अलीवाल रोड, बटाला), राजबीर सिंह उर्फ राजा, अमनजीत कौर उर्फ अमन, मंजीत कौर (तीनों निवासी मकबूलपुरा, अमृतसर), सोनू (गांव जमशेर खास, जालंधर), मनिंदरजीत सिंह उर्फ सन्नी (आकाश विहार कॉलोनी, अमृतसर), सहन सिंह (गांव टाहलिया, मानसा), सतबीर सिंह उर्फ राझा (गांव बीजापुर, घरिंडा, अमृतसर), बलजीत सिंह उर्फ बीता (रणजीत एन्क्लेव, जालंधर), मगद लीला (गांव संसारपुर, जालंधर) और पुष्पिंदर कौर उर्फ पिंदर (गांव रामगढ़ कुलिया, मुकेरिया, होशियारपुर) शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने पंजाब भर में अपना नेटवर्क फैला रखा था।
शिकायत के बाद शुरू हुई कार्रवाई
एडीसीपी जगरूप कौर बाठ के अनुसार, बटाला निवासी जसपाल सिंह ने मकबूलपुरा थाने में शिकायत दी थी कि एक महिला ने उसे अल्फा वन मॉल के पास बुलाकर एक कमरे में बंद कर उसकी अश्लील वीडियो बना ली और फिर चार लाख रुपये की मांग करने लगी। पैसे न देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई। शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिसके बाद पंजाब के विभिन्न जिलों—मानसा, होशियारपुर और गुरदासपुर सहित कई स्थानों पर छापेमारी कर 12 लोगों को पकड़ा गया।
फर्जी पहचान पत्र और बरामदगी
पुलिस को आरोपियों के पास से 15 मोबाइल फोन, 36 हजार रुपये नकद और तीन कारें मिली हैं। साथ ही तीन फर्जी पहचान पत्र भी जब्त किए गए हैं—एक मनजीत सिंह संघेरा के नाम से "भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा" का, दूसरा एएसआई सुखचैन सिंह के नाम से विजिलेंस ब्यूरो का और तीसरा बलजीत सिंह के नाम से "किसान यूनियन" का।
गिरफ्तार आरोपियों पर अपहरण और जबरन वसूली के मामले दर्ज किए गए हैं। गिरोह के कुछ सदस्य अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।