पंजाब में पंचायत चुनाव का शोरगुल है। प्रदेश में चुनाव प्रचार भी जोरों-शोरों से हो रहा है। चुनाव प्रचार को लेकर कई घटनाएं भी सामने आ रही हैं। पिछले 15 दिन से पंचायत चुनाव का माहौल बना हुआ है। वहीं पंजाब का एक गांव ऐसा भी है, जहां पंचायत चुनाव के लिए आज तक मतदान ही नहीं हुआ। यह गांव नवांशहर जिले का गोलू माजरा है।
गांव गोलू माजरा में लगभग 500 मतदाता हैं। इस गांव में आजादी से लेकर आज तक करीब 75 वर्ष में कभी भी पंचायत सदस्य का चुनाव करने के लिए लोगों को वोट नहीं डालने पड़े। गांव के बुजुर्ग किसी न किसी को प्रतिनिधि चुन लेते हैं और वही पांच वर्ष तक पंचायत चलाता है। गांव के बड़े-बुजुर्गों की तरफ से ही सरपंच से लेकर पंचों का एलान किया जाता है।
यही नहीं, लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भी लोग कभी ज्यादा सक्रिय नहीं रहते। गांव के पूर्व सरपंच बलवीर कुमार ने बताया कि उनके पूरे गांव में 95 प्रतिशत आबादी गुर्जर समाज की है और शेष 5 प्रतिशत लोग दलित वर्ग से संबंधित हैं। उन्होंने बताया कि गांव के पहले सरपंच बंता सिंह थे। हर पांच वर्ष बाद नए व्यक्ति को जिम्मेदारी दे दी जाती है। गांव में पांच-छह अलग अलग परिवार हैं और उनके बुजुर्ग आपस में बैठ जाते हैं। उनकी ओर से जो फैसला सुनाया जाता है, वह सभी को मंजूर होता है।
एक परिवार ने की 20 वर्ष तक सरपंची
आज तक एक ही परिवार है, जिसे करीब 20 वर्ष तक लगातार सरपंची करने का मौका मिलता रहा है। इस परिवार के चौधरी राम दास का अपना एक रुतबा रहा है। उन्होंने बताया कि एक गांव में लोगों को जो भी बुनियादी सुविधाएं चाहिए, वे सभी वहां पर मौजूद हैं।
आज तक नहीं मिली ग्रांट
पिछली सरकारों के कार्यकाल में भी सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों को विकास के लिए स्पेशल ग्रांट की बात कही जाती रही है, लेकिन किसी सरकार ने कोई ग्रांट जारी नहीं की। इस बार सीएम भगवंत मान ने भी सर्वसम्मति वाली पंचायतों को 5 लाख रुपये की ग्रांट देने की बात कही है। उन्हें उम्मीद है कि इस बार स्पेशल ग्रांट जरूर मिलेगी। इस बार रेखा रानी को सर्वसम्मति से सरपंच चुना गया है।