बागी होकर चुनाव लड़ने वाले नेताओं पर कार्रवाई नहीं कर सकी कांग्रेस

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। Punjab Assembly Election 2022: पंजािब विधानसभा चुनाव 2022 में आज प्रचार का अंतिम दिन है और चुनावी माहौल चरम पर है। चुनाव में कांग्रेस के कई नेता पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी ने बरनाला के पूर्व विधायक केवल सिंह ढिल्लों को तो पार्टी से निकाल दिया है लेकिन बगावत करने वाले नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है। ये बागी उम्मीदवार कई सीटों पर कांग्रेस को खासा नुकसान पहुंचाते दिख रहे हैं।
तीन जिलों में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बागी
बागी उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डा. मनोहर सिंह बस्सी पठाना, मंत्री राणा गुरजीत के बेटे राणा इन्द्र प्रताप सिंह सुल्तानपुर लोधी से तो नवांशहर से अंगद सैणी कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़कर पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब मतदान के लिए भी दो दिन का समय बचा है लेकिन पार्टी इन बागियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकी है
मुख्यमंत्री का भाई, मंत्री का बेटा व विधायक, कांग्रेस के खिलाफ मैदान में
दिलचस्प बात यह है कि पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने इस बारे में पूछने पर कहा कि पार्टी ने एक्शन ले लिया है, लेकिन क्या एक्शन लिया इस बारे में वह कुछ भी नहीं बता सके। केवल इतना कहा कि काफी लंबा चौड़ा एक्शन लिया गया है, आपको भेज दिया जाएगा।
ऐसा नहीं है कि हर जगह बागी या नाराज विधायक, सांसद ही आधिकारिक प्रत्याशियों की मुखालफत कर रहे हैं बल्कि कुछ जगह भीतरघात का भी कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। पटियाला में सांसद परनीत कौर कांग्रेस प्रत्याशी विष्णु शर्मा के पक्ष में प्रचार करने की बजाए अपने पति कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए प्रचार कर रही हैं। उनका कहना है कि वह पत्नी धर्म निभा रही हैं। कैप्टन ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा के साथ गठबंधन किया है।
मुख्यमंत्री होने के बावजूद चरणजीत सिंह चन्नी भी सांसद परनीत कौर को कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने के लिए नहीं कह पा रहे हैं। क्योंकि, चन्नी के भाई डा. मनोहर ¨सह भी बस्सी पठाना सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जीपी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत के बेटे राणा इंद्रप्रताप सिंह भी सुल्तानपुर लोधी में वर्तमान विधायक और पार्टी प्रत्याशी नवतेज सिंह चीमा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। राणा उनके लिए प्रचार भी कर रहे हैं। इससे नवतेज चीमा की चुनौती बढ़ रही है। लेकिन, पार्टी ने तो अब तक राणा गुरजीत सिंह के खिलाफ कोई एक्शन लिया है न ही उनके बेटे को मनाकर बिठाने के लिए कोई काम किया है।
नवांशहर में भी ऐसी ही स्थिति है। यहां विधायक अंगद सैणी टिकट न मिलने के कारण कांग्रेस से बागी होकर पार्टी प्रत्याशी सतबीर सिंह सैणी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी ने अंगद सिंह को इस बार इसलिए टिकट नहीं दिया क्योंकि उनकी (अंगद) की पत्नी अदिति सिंह उत्तर प्रदेश में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
यही नहीं, डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी की पत्नी सहित कई और बागी चुनाव लड़कर कांग्रेस प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा मोहिंदर सिंह केपी जैसे नेता भी टिकट न दिए जाने से नाराज हैं लेकिन उन्होंने पार्टी को नहीं छोड़ा है, लेकिनवह पार्टी प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।