पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में करारी मात के बाद अब कांग्रेस की आंखें खुल गई हैं। कांग्रेस आलाकमान को अब समझ में आया है कि उनकी हार का मुख्य कारण पार्टी का भीतरी क्लेश था। उसी क्लेश को खत्म करने के लिए कांग्रेस सभी में सामंजस्य बिठाने के प्रयास करने लगी है। पार्टी की कोशिश अब हर वर्क को साधने की है।
इसलिए हाईकमान ने अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को प्रदेश कांग्रेस प्रधान, भारत भूषण आशु को कार्यकारी प्रधान, प्रताप सिंह बाजवा को नेता प्रतिपक्ष और डॉक्टर राजकुमार चब्बेवाल को उप नेता प्रतिपक्ष बनाकर पंजाब में क्षेत्र, तजुर्बे और जातीय समीकरण बिठा दिए हैं। क्योंकि अब कांग्रेस का टारगेट 2024 के लोकसभा चुनाव हैं।
अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं औऱ युवा हैं। कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रधान बनाकर युवाओं को साधने की कोशिश की है। साथ ही राजा वड़िंग उस क्षेत्र से आते हैं, जहां पर विधानसभा में सबसे ज्यादा 69 सीटें हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री भी उसी क्षेत्र से हैं। वैसे भी राजा वड़िंग एग्रेसिव नेता हैं औऱ उनके पास संगठन को चलाने का अनुभव भी है।
विधानसभा में कांग्रेस की 18 सीटें हैं। अभी तक पार्टी नेता प्रतिपक्ष नहीं चुन पाई थी, जबकि विधानसभा के दो सत्र हो चुके हैं। अब कांग्रेस आलाकमान ने बहुत ही देख सोच समझ कर नेता प्रतिपक्ष के रूप में प्रताप सिंह बाजवा का चयन किया है। वह सांसद रहे हैं और राजनीति में काफी पुराने हैं। उन्हें संसद का लंबा चौड़ा तजुर्बा है। विधानसभा में सरकार की घेराबंदी कैसे करनी है, इसके सारे दावपेंच वह जानते हैं। सबसे बड़ी बात है कि वह सदन में पार्टी के वरिष्ठ नेता भी हैं।