पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रही रोडरेज मामले की सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सिद्धू के वकील से जवाब मांगा है। इससे पहले सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें रोडरेज मामले में सजा न दी जाए।

सिद्धू ने एफिडेविट दाखिल किया कि पिछले 3 दशक में उनका राजनीतिक और खेल करियर बेदाग रहा है। राजनेता के तौर पर उन्होंने न सिर्फ अपने विस क्षेत्र अमृतसर ईस्ट बल्कि सांसद के तौर पर बेजोड़ काम किया है। उन्होंने लोगों के भले के लिए कई काम किए हैं। उनसे कोई हथियार भी बरामद नहीं हुआ और उनकी मरने वाले से कोई दुश्मनी भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाए। उन्हें दी गई 1 हजार जुर्माने की सजा पर्याप्त है।

Navjot Singh Sidhu Claim That He Will Continue His Fight Even If Not Able  To Win Punjab Election | Navjot Singh Sidhu ने किया दावा- जीत नहीं मिलने पर  भी जारी रखेंगे

34 साल पुराना केस

सिद्धू के खिलाफ 34 साल पुराना रोडरेज का मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। यह घटना 1988 में हुई थी। जिसमें पार्किंग को लेकर हुए झगड़े में बुजुर्ग की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने सिद्धू को सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अब सुप्रीम कोर्ट में सिद्धू के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई। पहले इस मामले की सुनवाई 3 फरवरी को हुई थी। हालांकि सिद्धू के चुनाव लड़ने की वजह से SC ने इसे 25 फरवरी तक के लिए टाल दिया था।

Criminal defamation suit filed against Navjot Singh Sidhu over 'wet pants'  remark

1988 का मामला, हाथापाई में हुई थी बुजुर्ग की मौत
सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में कार से जाते समय 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।

पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रही रोडरेज मामले की सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सिद्धू के वकील से जवाब मांगा है। इससे पहले सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें रोडरेज मामले में सजा न दी जाए।

सिद्धू ने एफिडेविट दाखिल किया कि पिछले 3 दशक में उनका राजनीतिक और खेल करियर बेदाग रहा है। राजनेता के तौर पर उन्होंने न सिर्फ अपने विस क्षेत्र अमृतसर ईस्ट बल्कि सांसद के तौर पर बेजोड़ काम किया है। उन्होंने लोगों के भले के लिए कई काम किए हैं। उनसे कोई हथियार भी बरामद नहीं हुआ और उनकी मरने वाले से कोई दुश्मनी भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाए। उन्हें दी गई 1 हजार जुर्माने की सजा पर्याप्त है।

Lakhimpur Kheri: Sidhu ends hunger protest after Ashish Mishra reports to  cops | Latest News India - Hindustan Times

34 साल पुराना केस

सिद्धू के खिलाफ 34 साल पुराना रोडरेज का मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। यह घटना 1988 में हुई थी। जिसमें पार्किंग को लेकर हुए झगड़े में बुजुर्ग की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने सिद्धू को सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अब सुप्रीम कोर्ट में सिद्धू के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई। पहले इस मामले की सुनवाई 3 फरवरी को हुई थी। हालांकि सिद्धू के चुनाव लड़ने की वजह से SC ने इसे 25 फरवरी तक के लिए टाल दिया था।

1988 का मामला, हाथापाई में हुई थी बुजुर्ग की मौत
सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में कार से जाते समय 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।