कोटा (राजस्थान) – राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी एक बार फिर सार्वजनिक हो गई। शनिवार रात कोटा रेलवे स्टेशन पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्वागत के दौरान पार्टी के दो गुट आमने-सामने आ गए। जैसे ही गहलोत ट्रेन से उतरे, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और वरिष्ठ नेता प्रहलाद गुंजल के समर्थकों के बीच नारेबाजी शुरू हो गई। झड़प इतनी बढ़ी कि धक्का-मुक्की तक हो गई।

स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। समर्थक एक-दूसरे को पीछे धकेलते हुए गहलोत के पास पहुंचने की कोशिश करते रहे। इस दौरान गहलोत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और स्थिति बिगड़ते देख चुपचाप गाड़ी में बैठकर बारां जिले के लिए रवाना हो गए।

नेताओं की गैरहाजिरी ने बढ़ाई चर्चा
घटनाक्रम के दौरान धारीवाल और गुंजल खुद मौजूद नहीं थे, जिससे पार्टी के अंदरूनी मतभेद और उजागर हुए। गहलोत को अंता विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर आम सभा को संबोधित करना था, लेकिन उनकी यात्रा से पहले ही पार्टी में गुटबाजी सुर्खियों में आ गई।

पहले भी हो चुकी है भिड़ंत
यह पहली बार नहीं है जब दोनों गुट आमने-सामने आए हों। 5 अक्टूबर को भी कांग्रेस कार्यालय में धारीवाल और गुंजल समर्थकों के बीच तीखी नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप हुए थे। उस समय तेलंगाना कांग्रेस के पर्यवेक्षक जेट्टी कुसुमा कुमार भी मौजूद थे।

पार्टी के लिए असहज स्थिति
गहलोत के सामने हुई यह घटना प्रदेश कांग्रेस के लिए चिंता का कारण बनी है। उपचुनाव की तैयारी में संगठनात्मक एकजुटता की जरूरत के बावजूद नेताओं के समर्थकों की झड़प ने कांग्रेस की छवि पर सवाल खड़ा कर दिया है।