सऊदी अरब में काम करने गए बालोतरा जिले के एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद उसका शव अब तक भारत नहीं लाया जा सका है। इस देरी ने परिजनों की पीड़ा और बढ़ा दी है। बेटे की अंतिम झलक के इंतजार में मां हर दिन टूटती जा रही है, जबकि पूरा परिवार सदमे में है।

बेहतर भविष्य की तलाश में गया था विदेश

बालोतरा जिले के गिड़ा-सोहड़ा गांव निवासी 42 वर्षीय रमेश मेघवाल पढ़ा-लिखा और मेहनती युवक था। उसने बीएसटीसी की पढ़ाई की थी और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ आगे की पढ़ाई के सपने लेकर विदेश जाने का फैसला किया। अक्तूबर माह में वह स्थानीय एजेंटों के माध्यम से कतर के वीजा पर सऊदी अरब पहुंचा।

वास्तविक हालात निकले अलग

परिजनों के अनुसार, रमेश को बताया गया था कि उसे सीमित समय का हल्का काम करना होगा और रहने-खाने की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, सऊदी अरब पहुंचने के बाद हालात इसके उलट सामने आए। परिवार का दावा है कि उससे अपेक्षा से कहीं अधिक काम लिया जा रहा था और सुविधाएं भी नाकाफी थीं।

काम का दबाव और उत्पीड़न का आरोप

रमेश के बड़े भाई गेनाराम के मुताबिक, रमेश ने कई बार फोन पर बताया था कि उस पर काम का अत्यधिक बोझ है और उसे मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। उसने भारत लौटने की इच्छा जताई और एजेंटों से मदद मांगी, लेकिन कोई ठोस सहयोग नहीं मिला।

13 नवंबर को मिली मौत की सूचना

13 नवंबर को परिवार को रमेश की मौत की जानकारी दी गई। बताया गया कि उसकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। इसके बाद से परिजन लगातार शव भारत लाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट प्रगति नहीं हो पाई है।

घर में मातम, मां की हालत नाजुक

रमेश की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मां तीजो देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। रिश्तेदारों ने अपने काम छोड़कर परिवार के साथ डेरा डाल रखा है। परिजनों का कहना है कि रमेश आत्महत्या करने वाला व्यक्ति नहीं था और वह जल्द घर लौटने की तैयारी कर रहा था।

जनप्रतिनिधियों से लेकर मंत्रालय तक गुहार

परिजनों ने सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय और सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर शव भारत लाने और निष्पक्ष जांच की मांग की गई। 26 नवंबर को विदेश मंत्रालय से अंतिम सूचना मिली कि मामला जांचाधीन है।

हाईकोर्ट ने माना गंभीर मानवीय मामला

न्याय की उम्मीद में रमेश की मां ने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी की एकल पीठ ने इसे गंभीर और मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा मामला मानते हुए केंद्र सरकार, राजस्थान सरकार और सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास को नोटिस जारी कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

जांच जारी, फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार

केंद्र सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि भारतीय दूतावास के अनुसार मामला सऊदी पुलिस की जांच में है और मौत को कथित रूप से आत्महत्या बताया गया है। अंतिम निष्कर्ष फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आ सकेगा।

परिवार की मांग और बड़ा सवाल

परिजनों की मांग है कि रमेश का शव शीघ्र भारत लाया जाए और मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए। उनका कहना है कि यह केवल एक परिवार की पीड़ा का मामला नहीं, बल्कि विदेशों में काम कर रहे हजारों भारतीय मजदूरों की सुरक्षा और अधिकारों से जुड़ा गंभीर प्रश्न भी है।