आगरा। शाहगंज थाना क्षेत्र की एक महिला द्वारा शोषण और धर्म परिवर्तन का दबाव डालने का आरोप लगाने के बाद कांग्रेस के महानगर उपाध्यक्ष जलालुद्दीन को गुरुवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उस पर दुष्कर्म, जानलेवा हमले और अब धर्मांतरण संबंधी धाराओं में केस दर्ज किया गया है। जलालुद्दीन के खिलाफ पहले से ही 12 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
महिला से वकालत के नाम पर की नजदीकी
शिकायतकर्ता महिला का आरोप है कि वर्ष 2019 में पारिवारिक विवाद के चलते वह दीवानी न्यायालय गई थीं, जहां उसकी मुलाकात जलालुद्दीन से हुई। उसने खुद को वकील बताकर मदद का भरोसा दिया और घर आने-जाने लगा। सितंबर 2019 में दवा दिलाने के बहाने महिला को पुराने कांग्रेस कार्यालय ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद कई बार शारीरिक शोषण किया गया और बदनामी की धमकी दी गई।
धर्म परिवर्तन और निकाह का दबाव
महिला का आरोप है कि आरोपी लगातार उस पर धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव बनाता रहा, जबकि वह पहले से विवाहित है और उसके पति विकलांग हैं। भयभीत होकर मार्च में वह पति के साथ राजकोट (गुजरात) चली गईं, लेकिन जलालुद्दीन ने पीछा नहीं छोड़ा। उसने कोर्ट से आदेश कर महिला के खिलाफ चोरी का मामला भी दर्ज करा दिया। इस पर वह वापस आगरा लौटीं और पुलिस आयुक्त दीपक कुमार से न्याय की गुहार लगाई।
GIC मैदान के पास से गिरफ्तारी
शिकायत की पुष्टि के बाद 4 जुलाई को शाहगंज थाने में मामला दर्ज किया गया। डीसीपी सिटी सोनम कुमार के अनुसार, गुरुवार को आरोपी को GIC मैदान के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। महिला व उसके पति के बयान दर्ज कर लिए गए हैं, जल्द ही न्यायालय में 164 के तहत बयान कराए जाएंगे।
फर्जी निकाहनामा वायरल, महिला ने किया खंडन
इस प्रकरण में एक कथित निकाहनामा भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसे महिला ने फर्जी करार दिया है। उसका कहना है कि उसे जबरन या धोखे से तैयार कराया गया है।
पुराना आपराधिक इतिहास उजागर
पुलिस जांच में सामने आया है कि जलालुद्दीन के खिलाफ वर्ष 1989 से लेकर 2016 तक डकैती, बलवा, जानलेवा हमला और बंधक बनाकर दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोपों में कुल 12 मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। वर्ष 2016 में नाई की मंडी थाने में बंधक बनाकर दुष्कर्म का केस भी उसके खिलाफ दायर हुआ था।
धर्मांतरण की धाराएं जोड़ी गईं
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि इस मामले में धर्म परिवर्तन के दबाव की गंभीरता को देखते हुए धर्मांतरण कानून की संबंधित धाराएं भी जोड़ दी गई हैं। प्रकरण की जांच जारी है और साक्ष्य के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।