देवरिया। वर्ष 1999 में देवरिया के औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट खरीदने और बेचने के विवाद में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी की अदालत ने उन्हें 14 दिन के लिए जेल में रखने का आदेश दिया।
अदालत में अमिताभ ठाकुर भावुक हो गए और रोते हुए सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि जेल में उनकी जान को खतरा हो सकता है। ठाकुर ने न्यायालय से 45 मिनट का समय मांगा ताकि वह अपनी पूरी बात लिखित में प्रस्तुत कर सकें।
पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे प्लेटफॉर्म से अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर सुरक्षा के इंतजाम के साथ गाड़ी में बैठाया। रास्ते में उन्हें तीन अलग-अलग गाड़ियों में शिफ्ट किया गया, जिससे उनके डर और बढ़ गए। गिरफ्तारी के दौरान उनका चश्मा टूट गया और मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया।
देवरिया कोतवाली में उन्हें सुबह से दोपहर तक अलग कक्ष में रखा गया और किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इस दौरान पूरे मामले में गोपनीयता बरती गई और पुलिस महकमे में हलचल रही।
मामले की पृष्ठभूमि:
साल 1999 में एसपी रहते हुए अमिताभ ठाकुर ने अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट खरीदा था। विवाद के बाद उन्होंने यह प्लॉट बेच दिया। इसके खिलाफ लखनऊ के तालकटोरा निवासी संजय शर्मा ने सितंबर में तहरीर दी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि प्लॉट खरीदते समय दस्तावेज में पत्नी का नाम नूतन देवी और पति का नाम अभिजात/अमिताभ ठाकुर लिखा गया था, जबकि पता बिहार के खैरा का दर्शाया गया। बाद में संपत्ति वास्तविक नाम और पते के आधार पर बेची गई, जिससे सरकारी विभागों और बैंकों को गुमराह करने का आरोप है।