लखनऊ। एसटीएफ ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई के तहत आलमबाग मवैया रोड स्थित टेड़ी पुलिया तिराहे के पास फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त दवाओं की अवैध तस्करी में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान अभिषेक शर्मा और शुभम शर्मा के रूप में हुई है। ये दोनों लंबे समय से फरार चल रहे थे और जिनकी लगातार तलाश की जा रही थी।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह फर्जी फर्मों के माध्यम से दवाओं की खरीद-बिक्री का दस्तावेजी नाटक कर बड़ी मात्रा में फेन्सेडिल की तस्करी करता था। यह माल बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक भेजा जाता था। गिरोह में फार्मा कंपनियों से जुड़े लोग और कई बोगस फर्म संचालक शामिल थे। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि तस्करी का सामान ई-वे बिल और फर्जी दस्तावेजों के सहारे भेजा जाता था।
एसटीएफ ने बताया कि मामले में कई अन्य सहयोगियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी है।
इसी बीच, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स (सीबीएन) ने प्रदेश में नशीले कफ सिरप और अन्य नशीली दवाओं के कारोबार की तह तक जांच शुरू कर दी है। लखनऊ कार्यालय ने ग्वालियर स्थित कार्यालय से फार्मा कंपनियों को आवंटित किए गए कोडीन का ब्योरा मांगा है। साथ ही, उन व्यापारियों और अपराधियों के रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं, जिनके खिलाफ पिछले वर्षों में नशीली दवाओं की बरामदगी हुई थी।
सीबीएन अधिकारियों के मुताबिक, नशीले कफ सिरप सिंडिकेट की जड़ें बहुत गहरी हैं और प्रदेश के थोक बाजार में इनके कारोबार की जाँच करना चुनौतीपूर्ण है। जुलाई माह में अमीनाबाद में किए गए छापे में 20 लाख नशीली टेबलेट और 5,700 बोतलें कोडीनयुक्त कफ सिरप बरामद हुई थीं। इनमें अल्प्राजोलाम की 18,47,850 टेबलेट, ट्रेमाडॉल की 2,19,778 टेबलेट और क्लोनाजेपाम की 1,770 टेबलेट शामिल थीं।
एफएसडीए की जांच में भी इस सिंडिकेट से जुड़े 12 प्रमुख नाम सामने आए हैं। इनमें सहारनपुर के विभोर राणा, विशाल राणा, विशाल उपाध्याय, गाजियाबाद के सौरभ त्यागी, शादाब, अभिषेक शर्मा, पप्पन यादव, वाराणसी के भोला जायसवाल, शुभम जायसवाल, आकाश पाठक, लखनऊ के मनोहर जायसवाल और कानपुर के विनोद अग्रवाल शामिल हैं।