फर्रुखाबाद: जिले में लगातार बाढ़ से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा रविवार को खुले में आ गया। जमापुर मोड़ पर बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटने और उनसे संवाद करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के सामने गांधी गांव की महिलाओं ने हंगामा किया। महिलाओं का आरोप था कि बाढ़ ने उनका सबकुछ तबाह कर दिया, लेकिन प्रशासन ने नुकसान को कम दिखाया।
मंत्री करीब 15 मिनट टेंट के नीचे ग्रामीणों से बातचीत करने के बाद जाने लगे, तो ग्रामीणों ने उनकी कार के आगे आकर विरोध किया। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और इस दौरान धक्कामुक्की भी हुई। मंत्री ने प्रशासनिक अफसरों को ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जलशक्ति मंत्री के आगमन को देखते हुए जमापुर मोड़ पर पहले से ही सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त थे। राहत सामग्री भी पहले ही पीड़ितों के पास रख दी गई थी। मंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया।
वर्तमान में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर ऊपर है, जबकि रामगंगा नदी भी खतरे के करीब है। इन नदियों में बाढ़ के कारण जिले के 250 से अधिक गांव प्रभावित हैं।
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि प्रयागराज से बलिया तक बाढ़ गंभीर समस्या बनी हुई है। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से निर्देश दिए कि पीड़ितों को हर संभव मदद प्रदान की जाए। मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में बादल फटने के बाद नदियों में दबाव बढ़ गया है, लेकिन अगले चार-पांच दिनों में जलस्तर में कमी आने की संभावना है। उन्होंने सितंबर और अक्टूबर में भी प्रशासन को सतर्क रहने की हिदायत दी।