काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा और अवैध गतिविधियों को लेकर छात्रों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी को ज्ञापन सौंपकर तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दिव्यांशु त्रिपाठी और सत्यनारायण सिंह कर रहे थे। उनके साथ मनीष, सुमित, शुभम और सूर्यांश भी मौजूद रहे।
महिला सुरक्षा पर सवाल, आरोपी कर्मी पर कार्रवाई न होने का आरोप
छात्रों ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर प्रकाश चंद्र शर्मा के खिलाफ एक महिला द्वारा छेड़खानी का मामला न्यायालय में लंबित है, बावजूद इसके न तो उन्हें निलंबित किया गया और न ही विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई की गई। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी दावा किया कि उनकी नियुक्ति फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर की गई थी, जिस पर अब तक किसी स्तर की जांच नहीं हुई।
फार्मेसी संचालन में धांधली का आरोप
छात्रों ने अस्पताल परिसर में स्थित 'उमंग फार्मेसी' पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनके अनुसार फार्मेसी का टेंडर काफी समय पहले समाप्त हो चुका है, फिर भी अधिकारियों की शह पर दुकान चालू है। छात्रों का कहना है कि जेनेरिक दवाओं को बाजार से अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है और एक ही लाइसेंस के आधार पर 15 से अधिक अवैध स्टोर चलाए जाने की शिकायत भी सामने आई है।
अस्पताल की कार्यशैली पर सवाल
छात्र नेता दिव्यांशु त्रिपाठी का कहना है कि हाल ही में सुन्दरलाल चिकित्सालय को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा द्वारा एम्स जैसी सुविधाओं वाला दर्जा दिया गया है और इसके विकास के लिए भारी बजट भी स्वीकृत किया गया है। इसके बावजूद अस्पताल में चल रही अनियमितताएँ मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं।
सत्यनारायण सिंह ने आरोप लगाया कि अस्पताल में लापरवाही के कारण बीते वर्ष में 4-5 छात्रों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन लगातार जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहा है। उनका कहना है कि शीर्ष अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप मढ़कर कार्रवाई से बचते रहते हैं।
छात्रों ने लगाई न्याय की गुहार
ज्ञापन देने वाले छात्रों में सत्यनारायण सिंह, मनीष सिंह, दिव्यांशु त्रिपाठी, सुमित, शुभम और सूर्यांश शामिल रहे। छात्रों ने उम्मीद जताई कि सरकार मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द कार्रवाई करेगी ताकि संस्थान की छवि और मरीजों की सुरक्षा दोनों को बचाया जा सके।