दीपावली पर हुई जोरदार आतिशबाजी ने उत्तर प्रदेश की हवा में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा दिया है। प्रदेश के कई जिलों में दो दिन तक चली आतिशबाजी के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में भारी उछाल दर्ज किया गया है। इसका असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा है — कई इलाकों में सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं।
राज्य के अधिकतर शहरों में गुरुवार को वायु गुणवत्ता “खराब” से “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज की गई। जबकि एनसीआर से सटे जिलों में स्थिति और गंभीर हो गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, मेरठ का AQI 332, हापुड़ का 244, बुलंदशहर का 214 और मुज़फ्फरनगर का 277 दर्ज किया गया। राजधानी लखनऊ की हवा भी ‘खराब’ श्रेणी में रही, जहां सूचकांक 211 पर पहुंच गया।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों का एक्यूआई स्तर:
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मेरठ – 332
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मुज़फ्फरनगर – 277
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हापुड़ – 244
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बुलंदशहर – 214
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लखनऊ – 211
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मुरादाबाद – 185
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कानपुर – 183
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प्रयागराज – 175
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आगरा – 173
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बरेली – 153
इन आंकड़ों के मुताबिक, एनसीआर से जुड़े जिलों की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है और इससे सांस संबंधी बीमारियां, आंखों में जलन, सिरदर्द और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि जिन लोगों को पहले से श्वसन संबंधी या हृदय की समस्या है, वे घर से कम बाहर निकलें और निकलते समय एन-95 या समान गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करें। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।