कोरोनावायरस, जिसने 2020-21 में पूरी दुनिया को हिला दिया था, अब एक सामान्य फ्लू जैसी बीमारी के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि समय-समय पर नए वेरिएंट्स के चलते संक्रमण के मामले बढ़ते हैं, लेकिन वे जल्द ही थम जाते हैं। इस बीच, वैक्सीन की स्थायित्व और प्रभाविकता पर बहस एक बार फिर तेज हो गई है।
वैक्सीन की असरकारिता पर ताजा शोध
जापान के नागोया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि कोविड वैक्सीन, खासकर फाइजर और मॉडर्ना के एमआरएनए टीके, उतने प्रभावी साबित नहीं हुए जितनी उम्मीद की गई थी। अध्ययन में पाया गया कि बूस्टर खुराक लेने के नौ महीनों के भीतर करीब 50% लोगों की प्रतिरक्षा क्षमता तेजी से कम हो गई।
विशेषज्ञों ने इसे एक “महत्वपूर्ण निष्कर्ष” बताते हुए कहा कि लंबे समय तक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत टीकाकरण रणनीतियां जरूरी हैं।
बूस्टर खुराक भी नहीं टिकाऊ
अध्ययन में 2,500 से अधिक लोगों के एंटीबॉडी डेटा का विश्लेषण किया गया। इसमें सामने आया कि बूस्टर डोज के बाद भी बड़ी संख्या में लोगों में एंटीबॉडी का स्तर पर्याप्त नहीं रहा, जिससे वे संक्रमण के प्रति संवेदनशील बने रहे। शोधकर्ताओं का कहना है कि अतिरिक्त बूस्टर शॉट्स या एंटीबॉडी थेरेपी पर विचार करना पड़ सकता है।
एमआरएनए तकनीक पर फोकस
फाइजर और मॉडर्ना के कोविड टीकों में इस्तेमाल हुई एमआरएनए तकनीक कोशिकाओं को वायरस के स्पाइक प्रोटीन का सुरक्षित रूप बनाने का निर्देश देती है। इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली असली वायरस को पहचानने और उससे लड़ने के लिए तैयार होती है। लेकिन नए अध्ययन ने संकेत दिया है कि इस तकनीक से बनी प्रतिरक्षा अपेक्षा से अधिक तेजी से घट रही है।
डब्ल्यूएचओ का दावा और नया सवाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोविड टीकाकरण के जरिए शुरुआती दौर में करोड़ों लोगों की जान बचाई गई। केवल पहले साल में ही 1.44 करोड़ से अधिक मौतों को रोके जाने का अनुमान है। लेकिन ताजा शोध से यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या वैक्सीन्स दीर्घकालिक सुरक्षा देने में सक्षम हैं?
भविष्य की चुनौतियां
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड के बाद के दौर और भविष्य की संभावित महामारियों में यह और भी जरूरी हो जाता है कि उन लोगों पर विशेष निगरानी रखी जाए जिनकी वैक्सीनेशन के बाद प्रतिरक्षा तेजी से घट जाती है। इसके लिए दीर्घकालिक बूस्टर रणनीति और नई चिकित्सा पद्धतियों पर काम करने की आवश्यकता होगी।