अडानी समूह ने अपनी एग्री बिजनेस शाखा AWL एग्री बिजनेस लिमिटेड में से 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल को 7,150 करोड़ रुपये में हस्तांतरित कर दी है। यह जानकारी कंपनी ने शेयर बाजार को दी है। यह यूनिट पहले अडानी विल्मर लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी। दिसंबर 2023 में अडानी समूह ने इस कंपनी में अपनी पूरी 44% हिस्सेदारी बेचने की मंशा जाहिर की थी, ताकि वह अपने मुख्य इन्फ्रास्ट्रक्चर व्यवसाय पर केंद्रित रह सके।
विल्मर इंटरनेशनल के साथ हुआ रणनीतिक समझौता
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) की सहायक संस्था अडानी कमोडिटीज एलएलपी (ACL) और विल्मर इंटरनेशनल की सहयोगी कंपनी Lence Pte. Ltd. के बीच एक करार हुआ था, जिसके तहत दोनों पक्ष एक-दूसरे से शेयर खरीदने या बेचने के विकल्प पर सहमत हुए थे, जिसकी अधिकतम कीमत 305 रुपये प्रति शेयर तय की गई थी। दोनों कंपनियों की एडब्ल्यूएल में संयुक्त हिस्सेदारी पहले 88% थी, जिसमें प्रत्येक की 44% हिस्सेदारी थी।
जनवरी 2025 में AEL/ACL ने अपनी 13.5% हिस्सेदारी 276.51 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से बेच दी थी, जिसके बाद उनके पास लगभग 30.42% हिस्सेदारी शेष रह गई थी। अब समूह ने 275 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर 20% हिस्सेदारी बेच दी है।
एफएमसीजी से बाहर हो रहा अडानी समूह
इस सौदे के साथ अडानी समूह उपभोक्ता वस्तुओं (FMCG) के क्षेत्र से अपनी चरणबद्ध वापसी की योजना को आगे बढ़ा रहा है। डील के बाद विल्मर इंटरनेशनल की हिस्सेदारी बढ़कर 64% हो गई है, जिससे वह कंपनी का सबसे बड़ा शेयरधारक बन गया है।
डील की खबर से शेयरों में उछाल
इस सौदे की खबर के बाद अडानी विल्मर के शेयरों में तेज़ी देखी गई। गुरुवार को कंपनी के शेयरों ने 264 रुपये पर कारोबार शुरू किया और 279.15 रुपये पर बंद हुए, जिससे इंट्राडे में 6.40 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।