भारत में इस साल का त्योहारी सीजन रोजगार बाजार के लिए खुशखबरी लेकर आया। अगस्त से अक्टूबर तक, खासकर उपभोक्ता-केंद्रित सेक्टर्स में नौकरियों की संख्या में 17% तक का इजाफा देखा गया। इस वृद्धि के पीछे मजबूत उपभोक्ता भावना, त्योहारी ऑफर्स और देशभर में फैली बाजार की पहुंच मुख्य कारण माने जा रहे हैं।
गिग और अस्थायी नौकरियों में बढ़त
एडेको इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गिग और अस्थायी पदों पर नियुक्तियों में 25% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है। दशहरा के आसपास खुदरा, ई-कॉमर्स, BFSI, लॉजिस्टिक्स और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स में अस्थायी कर्मचारियों की मांग में तेजी आई। इस वर्ष कंपनी ने अनुमान लगाया था कि 2.16 लाख गिग और अस्थायी नौकरियों की पेशकश होगी, लेकिन केवल तीन महीनों में ही 37% अस्थायी और 15-20% गिग वर्कर्स की भर्ती हो चुकी है।
एडेको इंडिया के निदेशक दीपेश गुप्ता ने बताया कि इस बार महिला कार्यबल की भागीदारी में 30-35% का इजाफा हुआ है, खासकर खुदरा, ग्राहक सेवा, लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सेवाओं में।
पारिश्रमिक में भी वृद्धि
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि शुरुआती स्तर के पदों पर वेतन में 12-15% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि अनुभवी कर्मचारियों के लिए 18-22% तक का वेतन बढ़ा। आतिथ्य, यात्रा, लॉजिस्टिक्स और BFSI सेक्टर में मांग लगातार बनी हुई है और एडेको का अनुमान है कि यह रफ्तार मार्च 2026 तक जारी रहेगी।
टियर-2 और टियर-3 शहरों की बढ़ती भूमिका
नौकरियों में टियर-2 और टियर-3 शहरों का योगदान भी अहम रहा। मेट्रो शहर दिल्ली-NCR, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में कुल नियुक्तियों का 75-80% हिस्सा रहा। वहीं, लखनऊ, जयपुर, कोयम्बटूर, भुवनेश्वर, नागपुर और मैसूर जैसे शहरों में 21% की वृद्धि दर्ज की गई, जो मेट्रो शहरों की तुलना में अधिक है। कानपुर, कोच्चि, विजयवाड़ा और वाराणसी जैसे शहरों में 18-20% तैनाती हुई।
रिपोर्ट के अनुसार खुदरा और ई-कॉमर्स सेक्टर में नौकरियों में 28% की बढ़त हुई, जबकि लॉजिस्टिक्स और अंतिम-मील डिलीवरी में 35-40% की वृद्धि दर्ज की गई। BFSI सेक्टर में फील्ड सेल्स, क्रेडिट कार्ड और पीओएस रोल्स में 30% की वृद्धि हुई, और हॉस्पिटैलिटी तथा पर्यटन क्षेत्र में नौकरियों की मांग 25% तक बढ़ी है।