तेल महंगा, जेब पर बोझ तय! आरबीआई ने बताया कितना बढ़ेगा महंगाई का स्तर

भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का लगभग 85% कच्चे तेल के आयात से पूरा करता है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हर उतार-चढ़ाव का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था और महंगाई दर पर देखा जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक हालिया अध्ययन में बताया गया है कि यदि वैश्विक स्तर पर तेल के दाम 10 प्रतिशत बढ़ते हैं, तो देश में खुदरा महंगाई (CPI) करीब 0.20 फीसदी तक बढ़ सकती है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

RBI विशेषज्ञों — सुजाता कुंडू, सौमाश्री तिवारी और इंद्रनील भट्टाचार्य — द्वारा किए गए इस विश्लेषण में कहा गया है कि तेल के आयात पर भारत की भारी निर्भरता अर्थव्यवस्था को संवेदनशील बना देती है। इस रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि देश को विकल्प के तौर पर गैर-जीवाश्म ईंधनों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है ताकि विदेशी तेल पर निर्भरता कम हो सके।

हालांकि, रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्ट उसके आधिकारिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व नहीं करती है, लेकिन इसमें उठाए गए मुद्दे नीति-निर्धारकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

इकोनॉमिक चुनौतियां और जोखिम

रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि वैश्विक स्तर पर व्यापार में गिरावट, सप्लाई चेन में रुकावट और शुल्कों से जुड़ी नीतियां वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन रही हैं। ऐसे में तेल की कीमतों में अचानक वृद्धि भारत के लिए आर्थिक रूप से अस्थिरता ला सकती है, जिससे मौद्रिक नीतियों में ढील देने की संभावनाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।

वर्तमान में भारत में महंगाई की स्थिति

हाल के महीनों में खुदरा महंगाई में काफी गिरावट देखी गई है। जून 2025 में खुदरा महंगाई दर 2.11 प्रतिशत रही, जो सात वर्षों में सबसे कम स्तर है। इसका मुख्य कारण कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मानसून अनुकूल रहता है और तेल की कीमतों में और गिरावट आती है, तो महंगाई पर और नियंत्रण पाया जा सकता है।

कच्चे तेल की कीमतें – घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्थिति

घरेलू वायदा बाजार (MCX) में गुरुवार दोपहर कच्चा तेल 5697 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि दिन के कारोबार में यह 5729 रुपये प्रति बैरल के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। सुबह बाजार की शुरुआत 5670 रुपये के स्तर से हुई थी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो खाड़ी देशों का कच्चा तेल लगभग 0.79 प्रतिशत की बढ़त के साथ 69.05 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, वहीं अमेरिकी क्रूड ऑयल भी 0.90 डॉलर प्रति बैरल की दर से ऊपर गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका में क्रूड स्टॉक में गिरावट और नए टैरिफ नीतियों के चलते कीमतों में यह उछाल देखा गया।

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