इजराइल ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें दुनिया का नक्शा दिखाते हुए ईरान को वैश्विक खतरे के रूप में दर्शाया गया था। इस नक्शे में भारत की सीमाओं को गलत तरीके से पेश किया गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों को भारत के बजाय पाकिस्तान के अंतर्गत दिखाया गया था।
पोस्ट सामने आते ही भारतीय उपयोगकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इजराइल की आलोचना शुरू कर दी। इसके बाद इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने इस गलती के लिए माफी मांगी और सफाई दी।
IDF की सफाई और माफी
IDF ने स्पष्टीकरण देते हुए स्वीकार किया कि नक्शा सीमाओं को सही ढंग से नहीं दर्शा पाया। उन्होंने यह भी कहा कि पोस्ट केवल क्षेत्र का एक सामान्य चित्रण था और यह उनकी ओर से कोई राजनैतिक संदेश नहीं था। उन्होंने यह गलती मानते हुए माफी मांगी और कहा कि यह मानचित्र सीमाओं की वास्तविकता को सही रूप में प्रतिबिंबित नहीं करता।
एक भारतीय राइट विंग समुदाय द्वारा पोस्ट किए गए ट्वीट पर IDF ने सीधे प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह केवल क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य का एक उदाहरण था। पोस्ट के प्रकाशित होने के लगभग 90 मिनट बाद ही IDF ने औपचारिक रूप से माफी जारी कर दी।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया नहीं
इस घटनाक्रम पर भारत सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि भारत कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उसके अभिन्न अंग हैं, जिनके कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान और चीन ने अवैध कब्जा कर रखा है।
भारत-इजराइल के मजबूत संबंध
भारत और इजराइल के बीच वर्षों से अच्छे द्विपक्षीय संबंध रहे हैं। वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजराइल की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने थे। दोनों देशों के बीच व्यापार और रक्षा के क्षेत्र में गहरा सहयोग है, और भारत इजराइल से हथियारों का एक प्रमुख खरीदार है।
IDF के पोस्ट का उद्देश्य
IDF की ओर से किए गए पोस्ट में कहा गया था कि ईरान न केवल इजराइल बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है और कार्रवाई करना उनकी मजबूरी बन गया था। इसी संदर्भ में नक्शा साझा करते हुए यह दिखाने की कोशिश की गई थी कि ईरानी खतरा वैश्विक है।
ईरान-इजराइल संघर्ष तेज
वर्तमान में ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर है। इजराइल ने ईरान की परमाणु गतिविधियों को रोकने के लिए हाल ही में ड्रोन और मिसाइल से हमला किया था। इसके जवाब में ईरान ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए यरुशलम और तेल अवीव सहित कई इलाकों को निशाना बनाया है। दोनों देशों के बीच स्थिति युद्ध जैसे हालात में पहुंच चुकी है।