सेना ने दी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की हर जानकारी, कहा- 100 से ज्यादा आतंकी मारे

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक की। ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई इस सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें कई शीर्ष आतंकी कमांडर भी शामिल थे। इस संबंध में रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने जानकारी दी।

प्रमुख आतंकी कमांडर मारे गए

DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि मारे गए आतंकियों में मुदस्सर खास, हाफिज जमील, यूसुफ अजहर और अब्दुल मलिक रऊफ जैसे कुख्यात नाम शामिल हैं। ये सभी आतंकी IC-814 विमान अपहरण और पुलवामा हमले जैसी घटनाओं में शामिल थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय वायुसेना की यह कार्रवाई सटीक, योजनाबद्ध और सर्जिकल थी।

आतंकी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करना लक्ष्य

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य आतंकी मास्टरमाइंड और उनके ठिकानों को नष्ट करना था। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब आतंकवाद के खिलाफ केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि कड़ी सैन्य कार्रवाई ही जवाब होगा।

PoK में आतंकी ठिकानों को भारी नुकसान

DGMO के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर उल्लंघन की कोशिश की, लेकिन उसकी प्रतिक्रिया अव्यवस्थित और घबराहट से भरी रही। उसने धार्मिक स्थलों और गांवों को निशाना बनाकर अपनी बौखलाहट जाहिर की, जिससे कई निर्दोष नागरिक हताहत हुए।

भारतीय वायुसेना और नौसेना का सहयोग

ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायुसेना ने आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जबकि नौसेना ने हथियार प्रणाली उपलब्ध कराई। वायुसेना के लड़ाकू विमान अभियान के दौरान आसमान में तैनात रहे और वास्तविक समय में लक्ष्य की निगरानी और पहचान की।

कुछ आतंकी ठिकाने पहले से खाली

डीजीएमओ ने बताया कि खुफिया सूचनाओं के आधार पर आतंकी शिविरों की पहचान की गई थी, लेकिन कुछ ठिकाने पहले ही खाली हो चुके थे। यह माना जा रहा है कि प्रतिशोध के डर से आतंकियों ने इन्हें छोड़ दिया था।

लक्षित हमलों की रणनीति

घई ने बताया कि हमले के दौरान केवल आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाने पर जोर दिया गया, ताकि किसी निर्दोष को नुकसान न पहुंचे। PoK और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित आतंकी केंद्रों पर विशेष ध्यान दिया गया। इनमें से कुछ स्थान लश्कर-ए-तैयबा के गढ़ थे, जहां से अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकी पनपे थे।

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