मणिपुर में मेतेई संगठन अरमबाई टेंगोल के नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ रविवार को विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा। इसके मद्देनज़र प्रशासन ने इंफाल घाटी के पांच जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया और इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दीं। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया।

प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पश्चिम के उरिपोक और कोइरेंगई तथा इंफाल पूर्व के खुराई इलाकों में टायर जलाकर रास्ते जाम किए और प्रतिबंधों का उल्लंघन किया। कोइरेंगई में आंदोलनकारियों ने सड़क की खुदाई कर उस पर मिट्टी के ढेर लगा दिए ताकि सुरक्षा बलों की आवाजाही बाधित की जा सके। इसी प्रकार की अशांति असम के सीमावर्ती जिले जिरिबाम में भी देखी गई।

इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में निषेधाज्ञा लागू की गई है। इन क्षेत्रों में शनिवार रात से मोबाइल इंटरनेट, वीएसएटी और वीपीएन सहित सभी डाटा सेवाएं बंद कर दी गईं। यह कार्रवाई अरमबाई टेंगोल के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद उपजे तनाव के मद्देनज़र की गई।

रविवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने हालात की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस दौरान एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने उनसे शांति स्थापित करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की। राज्यपाल ने भरोसा दिलाया कि प्रशासन हालात सामान्य करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा और कांग्रेस दोनों के विधायक शामिल थे।

राज्य में मौजूदा तनाव की वजह अरमबाई टेंगोल के सदस्य असेम कानन और अन्य की गिरफ्तारी है। इन लोगों को भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (ACB) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को इम्फाल हवाई अड्डे से हिरासत में लिया था। सीबीआई ने एक बयान में बताया कि कानन को 2023 की मणिपुर हिंसा से जुड़े कई आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें गुवाहाटी स्थानांतरित कर पुलिस रिमांड में भेजा जाएगा। हालांकि, आधिकारिक तौर पर सीबीआई ने सिर्फ कानन की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

इसी दौरान, इंफाल में भारी हिंसा देखने को मिली। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर, लकड़ी और अन्य सामान जलाकर मार्ग अवरुद्ध कर दिए। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस, मॉक बम और गोलियों का इस्तेमाल किया। इस झड़प में 13 वर्षीय एक किशोर गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। शनिवार शाम से रविवार शाम तक कम से कम 11 लोग घायल हुए और हालात और भी तनावपूर्ण हो गए।

सुरक्षा व्यवस्था के तहत इंफाल के प्रमुख स्थानों – जैसे पैलेस कंपाउंड, कीशंपट ब्रिज, मोइरांगखोम और टिड्डिम रोड – पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है। अरमबाई टेंगोल ने गिरफ्तार सदस्यों की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए राज्यव्यापी 10 दिवसीय बंद का आह्वान किया है।

इसी बीच, इंफाल पूर्व के खुराई में महिलाओं के एक समूह ने सभी विधायकों को 10 जून शाम 6 बजे तक इंफाल लौटने और सरकार गठन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि जो विधायक तय समय तक नहीं लौटेंगे, उन्हें राज्य में वापस प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

रविवार शाम तक घाटी के जिलों में स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी रही, सुरक्षा व्यवस्था और अधिक कड़ी कर दी गई थी और जनाक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा था।