विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर बुधवार को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय ऋषि परंपरा में दिव्यांगता को कभी कमजोरी नहीं माना गया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम दिव्यांगजनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सीएम योगी ने समाज में प्रचलित उपेक्षा की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कहा कि अक्सर दिव्यांगता का सामना करने वाले बच्चे परिवार में अनदेखे कर दिए जाते हैं। यह उपेक्षा उन्हें जीवनभर हीन भावना और निराशा में धकेल देती है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे बच्चों को प्रोत्साहन और सही दिशा मिले, तो वे उत्कृष्ट परिणाम दे सकते हैं।
उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव ओलंपिक पदक विजेता हैं। वहीं चित्रकूट के मंडलायुक्त, जो दृष्टिबाधित हैं, अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शारीरिक बनावट कभी भी किसी व्यक्ति की क्षमता का पैमाना नहीं हो सकती। हर व्यक्ति ईश्वर की अद्भुत रचना है और उन्हें संबल देने से दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा से जुड़कर समाज को भी समृद्ध करते हैं।