तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 14 जून से खड़े ब्रिटेन के एडवांस फाइटर जेट एफ-35बी को तकनीकी खामी के चलते एयरपोर्ट के हैंगर में शिफ्ट कर दिया गया है। अमेरिका और ब्रिटेन के एविएशन विशेषज्ञ इस उन्नत लड़ाकू विमान की मरम्मत में जुटे हुए हैं। रविवार को ब्रिटेन से रक्षा विशेषज्ञों की एक टीम और अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन के इंजीनियर केरल पहुंचे।

कैमरों से दूर, एयर-कंडीशन्ड हैंगर में हो रही मरम्मत

एफ-35बी को एयरपोर्ट टर्मिनल के एक विशेष हैंगर में ले जाकर रखा गया है, जिसे चारों ओर से पर्दों और सुरक्षा घेरे से ढक दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह व्यवस्था दोहरे उद्देश्य से की गई है—एक तो विमान को सार्वजनिक दृश्य से दूर रखने के लिए और दूसरा, इंजीनियरिंग टीम को एक नियंत्रित तापमान में सटीक तकनीकी कार्य करने की सुविधा देने के लिए। इसके लिए पूरे क्षेत्र को एयर-कंडीशन्ड बना दिया गया है।

‘प्लान बी’ की भी तैयारी, जरूरत पड़ी तो टुकड़ों में ले जाएंगे वापस

मरम्मत कार्य में लगे विशेषज्ञों की 25 सदस्यीय टीम लगातार तकनीकी गड़बड़ी को सुधारने की कोशिश कर रही है। हालांकि यदि प्रयास सफल नहीं होते हैं, तो वैकल्पिक योजना के तहत विमान को खोलकर इसके हिस्सों को कार्गो विमान से ब्रिटेन ले जाने की तैयारी भी की जा रही है। पहले भी इस बात पर चर्चा हुई थी कि विमान को C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए वापस भेजा जा सकता है।

F-35B की तकनीकी क्षमताएं और संवेदनशीलता

एफ-35बी अत्याधुनिक स्टील्थ टेक्नोलॉजी, एन्क्रिप्टेड सॉफ्टवेयर, रडार जैमिंग सिस्टम और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित डेटा फ्यूजन से लैस है। यह लड़ाकू विमान परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। इसकी संवेदनशील प्रणाली और हाई-टेक फीचर्स के कारण इसे तकनीकी रूप से बेहद गोपनीय माना जाता है। यही कारण है कि ऐसे विमानों तक अनधिकृत पहुंच सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय रहती है।