भारत-पाकिस्तान विभाजन को लेकर एनसीईआरटी द्वारा जारी किए गए नए मॉड्यूल पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पार्टी का कहना है कि परिषद को विभाजन की वास्तविक जानकारी नहीं है। साथ ही कांग्रेस ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण और उसमें आरएसएस के उल्लेख पर भी आपत्ति जताई।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, “मैं एनसीईआरटी को चुनौती देता हूं कि वह विभाजन पर चर्चा करे। एनसीईआरटी और भाजपा, दोनों को ही इस ऐतिहासिक तथ्य की सही समझ नहीं है।” उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को निराशाजनक बताया और कहा कि यह किसी को खुश करने के प्रयास जैसा प्रतीत हुआ।
क्या है नया मॉड्यूल?
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर एक विशेष मॉड्यूल तैयार किया है। इसमें भारत-पाकिस्तान बंटवारे के लिए तीन प्रमुख व्यक्तियों— मुहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन— को जिम्मेदार ठहराया गया है। मॉड्यूल को ‘विभाजन के अपराधी’ शीर्षक के तहत कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए अलग-अलग रूप में तैयार किया गया है। यह किसी पाठ्यपुस्तक का हिस्सा नहीं है, बल्कि पूरक सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसे बच्चों तक पोस्टर, वाद-विवाद, परियोजनाओं और चर्चाओं के जरिए पहुँचाने की योजना है।
जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन पर ठहराई गई जिम्मेदारी
मॉड्यूल के अनुसार, जिन्ना ने अलग देश की मांग की, कांग्रेस ने इसे स्वीकार किया और माउंटबेटन ने उसे लागू किया। इसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू का जुलाई 1947 का ऐतिहासिक भाषण भी शामिल है, जिसमें उन्होंने कहा था— “विभाजन बुरा है, लेकिन एकता की कीमत चाहे जितनी हो, गृहयुद्ध उससे भी ज्यादा विनाशकारी होगा।” यह बयान उस दौर की कठिन परिस्थितियों और राजनीतिक मजबूरियों को दर्शाता है।