नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच जारी व्यापारिक वार्ता के केंद्र में अब दूध और डेयरी उत्पादों की शुद्धता आ गई है। भारत ने स्पष्ट रूप से अमेरिका को बताया है कि वह उन गायों से प्राप्त डेयरी उत्पादों को आयात की अनुमति नहीं देगा, जिन्हें मांस या रक्त जैसे पशु-आधारित चारे पर पाला गया हो। भारत ने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं से जुड़ा मुद्दा बताया है और इसे 'गैर-वार्तनीय सीमा' घोषित कर दिया है।
धार्मिक परंपराओं से जुड़ी डेयरी शुद्धता
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट (GTRI) के अजय श्रीवास्तव का कहना है कि भारत में दूध और घी धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किए जाते हैं, इसलिए इनकी शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा, "कल्पना कीजिए कि आप उस दूध से बना घी खा रहे हैं, जो उस गाय से निकला है जिसे किसी अन्य जानवर का मांस या रक्त खिलाया गया हो — भारत में यह स्वीकार्य नहीं हो सकता।"
अमेरिका ने लगाया 'ट्रेड बैरियर' का आरोप
वहीं अमेरिका ने भारत के इस रुख को अनुचित व्यापार प्रतिबंध बताया है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि वहां गायों को ऐसे चारे की अनुमति है, जिसमें सुअर, मछली, मुर्गी, घोड़े, यहां तक कि पालतू जानवरों के अवशेष भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, इन चारे में मुर्गी की बीट, पंख और अन्य अवशिष्ट सामग्री भी इस्तेमाल की जाती है।
भारत का दूध उद्योग विश्व में अव्वल
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक और उपभोक्ता देश है, जिसकी डेयरी इंडस्ट्री करीब 9 लाख करोड़ रुपये की है और GDP में इसका योगदान लगभग 3% है। इसमें अधिकांश भाग छोटे और सीमांत किसानों से आता है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने दूध आयात पर पशु चिकित्सकीय प्रमाणन अनिवार्य कर रखा है ताकि गैर-शाकाहारी आहार पर पले पशुओं से प्राप्त उत्पाद भारत में न आएं।
अमेरिकी डेयरी उत्पादों से खतरा: किसान चिंतित
अमेरिका भारत के विशाल डेयरी बाजार तक पहुंच बनाना चाहता है। लेकिन सस्ते अमेरिकी डेयरी उत्पादों की आमद से भारत के स्थानीय उत्पादकों की कीमतें गिरने की आशंका है। महाराष्ट्र के एक किसान महेश सकुंडे ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि विदेशी आयात से स्थानीय उद्योग और किसानों को नुकसान न हो। एक अनुमान के मुताबिक, अगर भारत यह बाज़ार खोलता है तो उसे 1.03 लाख करोड़ रुपये का सालाना नुकसान हो सकता है।
क्या दूध और पनीर शाकाहारी हैं? बहस फिर तेज
भारत में एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई है कि दूध और पनीर को वेज माना जाए या नहीं। इस साल फरवरी में डॉक्टर सिल्विया कार्पगम की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने इस बहस को हवा दी थी, जिसमें उन्होंने कहा कि दूध और पनीर मांसाहारी उत्पादों की श्रेणी में आते हैं। हालांकि, अधिकतर लोगों का मानना है कि चूंकि दूध के लिए जानवर को नहीं मारा जाता, इसलिए यह शाकाहारी ही है।
भारत में पशु आहार क्या होता है?
- गायें: घास, भूसा, मक्का, ज्वार, बाजरा आदि।
- भैंसें: जौ, गेहूं, हरा चारा, दालें।
- बकरियां: पत्तियां, फलीदार फसलें, अनाज।
- ऊंट: झाड़ियां, रेगिस्तानी पौधे, सूखा चारा।
- गधे और भेड़ें: मुख्यतः घास और शाकाहारी चारा।
भारत की स्पष्ट नीति: गाय को मांस आधारित आहार देने वाले उत्पाद प्रतिबंधित
भारत सरकार की राष्ट्रीय पशु पोषण नीति और आयात नियम यही सुनिश्चित करते हैं कि डेयरी उत्पाद पशु-अनुकूल और धार्मिक दृष्टि से स्वच्छ हों। अमेरिकी प्रोटीन मिश्रित आहार से प्राप्त दूध भारत के संस्कृति और धर्म की भावना के खिलाफ माना जाता है।