बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद INDIA ब्लॉक के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर हलचल बढ़ गई है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने बयान दिया है कि गठबंधन का नेतृत्व अखिलेश यादव को संभालना चाहिए।
मेहरोत्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे निर्णायक राज्य में समाजवादी पार्टी अकेले दम पर सरकार बनाने की क्षमता रखती है। पिछले लोकसभा चुनाव में एसपी ने 80 में से 37 सीटें जीतकर कांग्रेस के बाद संसद में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की थी।
बैलेट पेपर की वकालत — ईवीएम पर सवाल
एसपी विधायक ने यह भी कहा कि यदि बिहार चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाते तो महागठबंधन की सरकार बन सकती थी। उन्होंने दोहराया कि अखिलेश यादव लगातार बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करते रहे हैं और ईवीएम को लेकर चिंताएँ जताई गई हैं।
कांग्रेस की करारी हार से बदली समीकरणों की चर्चा
उन्होंने तर्क दिया कि जब कांग्रेस 2020 के बिहार चुनाव में 19 सीटें जीत चुकी थी, वहीं इस बार उसे केवल छह सीटें मिली हैं, जबकि राहुल गांधी, खड़गे और कई वरिष्ठ नेताओं ने व्यापक चुनाव प्रचार किया।
सहयोगी राजद का प्रदर्शन भी कमजोर रहा, जिसने इस बार 25 सीटें जीतीं — जो पिछली बार से 50 कम हैं। दूसरी ओर, एनडीए ने भारी जीत दर्ज करते हुए 243 में से 202 सीटों पर कब्जा किया।
इन नतीजों ने INDIA गठबंधन के भीतर नए नेतृत्व की मांग को और तेज कर दिया है।
ममता बनर्जी का नाम पहले ही आ चुका है चर्चा में
इससे पहले टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी ममता बनर्जी को गठबंधन की अगुवाई सौंपने का सुझाव दे चुके हैं। अब एसपी की ओर से अखिलेश यादव का नाम आगे आने के बाद विपक्षी खेमे में नेतृत्व को लेकर बहस और गहरी हो गई है।