केरल के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच चल रहे वीसी नियुक्ति विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हस्तक्षेप किया है। अदालत ने रिटायर्ड जज सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली समिति से कहा है कि वह एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ डिजिटल साइंसेज, इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी के लिए एक-एक नाम सुझाए। समिति अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अगले बुधवार तक सुप्रीम कोर्ट में जमा करेगी। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर कई प्रयासों के बावजूद किसी सहमति पर नहीं पहुँच पाए हैं। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की बेंच ने निर्देश दिया कि समिति दोनों पक्षों के पत्रों का अध्ययन कर हर विश्वविद्यालय के लिए एक नाम तय करे।

सुनवाई में कोर्ट ने यह भी कहा कि अभी तक केवल पत्राचार हुआ है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने बताया कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, लेकिन कोर्ट ने वह देखने से इनकार कर दिया।

केरल सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील जयदीप गुप्ता ने बताया कि कानून मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री ने 10 दिसंबर को राज्यपाल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री को सिर्फ एक नाम पर आपत्ति थी, जबकि बाकी नामों पर कोई आपत्ति नहीं जताई गई।

यह विवाद 18 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुआ, जब धूलिया समिति बनाई गई थी। 28 नवंबर को अदालत ने राज्यपाल द्वारा समिति की रिपोर्ट न देखने पर नाराजगी जताई थी। 2 सितंबर को राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर मांग की थी कि वीसी चयन प्रक्रिया में मुख्यमंत्री की भूमिका समाप्त की जाए, क्योंकि विश्वविद्यालय कानून में उनकी कोई भूमिका नहीं है।