मुड़ा भूमि आवंटन विवाद में नया मोड़, मुख्यमंत्री की पत्नी को हाईकोर्ट का नोटिस

कर्नाटक में मैसूर अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) के विवादित भूमि आवंटन मामले में गुरुवार को नया मोड़ आ गया है। राज्य उच्च न्यायालय ने इस संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती सिद्धारमैया को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को भी नोटिस भेजे जाने का आदेश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी।

यह विवाद उस समय उठा जब आरोप लगे कि MUDA ने नियमों की अनदेखी करते हुए प्रभावशाली लोगों को अनियमित तरीके से प्लॉट आवंटित किए। याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हुईं और मुख्यमंत्री के परिवार को विशेष रूप से लाभ पहुंचाया गया।

CBI जांच की मांग के साथ दाखिल हुई याचिका

इस मामले में दाखिल याचिका में मांग की गई है कि जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। याचिकाकर्ता की ओर से पेश दलीलों पर गौर करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अगुआई वाली खंडपीठ ने पार्वती सिद्धारमैया, राज्य सरकार और MUDA को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।

अदालत ने कहा कि मामले में गंभीर आरोप हैं, इसलिए सभी पक्षों की प्रतिक्रिया लेना जरूरी है।

राजनीतिक हलकों में बढ़ी सरगर्मी

MUDA की भूमि आवंटन नीति को लेकर उठा यह विवाद कर्नाटक की राजनीति में बीते कुछ महीनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्री के परिवार को अनुचित लाभ पहुंचाया है। भाजपा और जेडीएस नेताओं ने मामले की CBI जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा नोटिस जारी होना इस प्रकरण की गंभीरता को दर्शाता है और आने वाले समय में यह मामला और गहराता दिखाई दे सकता है, खासकर तब जब इसमें मुख्यमंत्री के परिवार का नाम सीधे तौर पर सामने आया है।

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