पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल एक बार फिर गर्मा गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि वह बिना खुद हाथ गंदे किए मुस्लिम मतदाताओं को संगठित करने की रणनीति पर काम कर रही हैं और इसके लिए टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर का इस्तेमाल कर रही हैं। विवाद तब बढ़ा जब टीएमसी ने गुरुवार को कबीर को निलंबित कर दिया। निलंबन उस बयान के बाद हुआ जिसमें कबीर ने दावा किया था कि वे मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद का उद्घाटन करेंगे।
भाजपा का आरोप: राजनीतिक ध्रुवीकरण का हिस्सा
भाजपा नेताओं का कहना है कि कबीर पहले भी क्षेत्रीय मुस्लिम और हिंदू आबादी के अनुपात के बारे में बयान दे चुके थे, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हुई। पार्टी का दावा है कि यह मामला धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक ध्रुवीकरण से जुड़ा है। भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर बंगाली कहावत “धोरी माछ ना छुई पानी” का हवाला दिया, जिसका अर्थ है—काम करवाओ, पर हाथ गंदा न करो।
कबीर समर्थकों पर मस्जिद निर्माण का आरोप
भाजपा ने दावा किया कि कबीर के समर्थक बेलडांगा में ईंटें लेकर बाबरी मस्जिद के निर्माण की तैयारी कर रहे हैं और कथित रूप से उन्हें पुलिस सुरक्षा भी दी जा रही है। पार्टी ने चेतावनी दी कि इस गतिविधि से क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा तक को खतरा?
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि बेलडांगा पहले से संवेदनशील इलाका है और किसी भी उकसावे से हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर अस्थिरता बढ़ी तो यह राष्ट्रीय हाईवे NH-12 को प्रभावित कर सकता है, जो उत्तर बंगाल का मुख्य संपर्क मार्ग है। मालवीय ने आरोप लगाया कि कथित मस्जिद निर्माण धार्मिक कारणों से नहीं बल्कि राजनीतिक रणनीति के तहत हो रहा है, जिसका उद्देश्य वोट बैंक मजबूत करना और मतों का ध्रुवीकरण करना है।
टीएमसी की चुप्पी पर सवाल
भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी यह दर्शाती है कि कार्रवाई राजनीतिक दबाव या कानून के तहत नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए की गई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शांति बनाए रखने के बजाय प्रदेश को तनाव की ओर धकेल रही हैं।