भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन की दिशा में एक और अहम उपलब्धि हासिल की है। शनिवार को संगठन ने जानकारी दी कि मिशन में उपयोग होने वाले सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) का विकास कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है। इसके साथ ही इस सिस्टम से जुड़े सभी आवश्यक परीक्षण भी पूरे किए जा चुके हैं।

बीते शुक्रवार को इसरो ने इस सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हॉट टेस्ट करीब 350 सेकंड (लगभग छह मिनट) तक किया, जिसका उद्देश्य उड़ान के दौरान किसी संभावित गड़बड़ी की स्थिति में प्रणाली की कार्यक्षमता को परखना था। यह परीक्षण विशेष रूप से ‘मिशन एबॉर्ट’ जैसी स्थितियों में सिस्टम की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए किया गया।

क्या है सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम की भूमिका

गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान है और इसका सर्विस मॉड्यूल अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित कक्षा में पहुँचाने और वापस लाने में अहम भूमिका निभाएगा। इसरो के अनुसार, यह प्रणाली दो प्रकार के ईंधन पर आधारित है और इसका कार्य रॉकेट को सटीक कक्षा में स्थापित करने, दिशा नियंत्रण करने, आवश्यकतानुसार रफ्तार कम करने और आपात स्थिति में मिशन को रोककर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का है।

एसएमपीएस की विश्वसनीयता जांचने के लिए बनाया गया विशेष मॉडल

इसरो ने एसएमपीएस की जमीनी जांच के लिए एक विशेष प्रणाली प्रदर्शन मॉडल (System Demonstration Model - SDM) तैयार किया, जिसमें असली सिस्टम के सभी प्रमुख घटक शामिल किए गए — जैसे ईंधन टैंक, दबाव प्रणाली, थ्रस्टर और नियंत्रण यंत्र। इस मॉडल के जरिये 25 विभिन्न परीक्षण किए गए, जो सामान्य से लेकर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों तक फैले थे। कुल मिलाकर ये परीक्षण लगभग 14,331 सेकंड (करीब चार घंटे) तक चले।

एलपीएससी द्वारा डिजाइन और आईपीआरसी में हुआ परीक्षण

इस प्रोपल्शन सिस्टम को इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) में डिजाइन और विकसित किया गया। इसके परीक्षण तमिलनाडु स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC), महेंद्रगिरी में सफलतापूर्वक सम्पन्न किए गए, जो कि इसरो का प्रमुख इंजन परीक्षण केंद्र है।

इस सफल परीक्षण के साथ ही गगनयान मिशन की दिशा में भारत ने एक और मजबूत कदम आगे बढ़ाया है। आने वाले महीनों में यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अभियानों में एक नया इतिहास रचने की ओर अग्रसर है।