असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी भारत विरोधी रुख अपनाते हैं और केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुसलमानों के हित की बात करते हैं। सरमा ने दावा किया कि राहुल गांधी न तो भारतीय हिंदुओं के साथ हैं और न ही देश के मुसलमानों के प्रति उनकी कोई सहानुभूति है।
बोडोलैंड क्षेत्र में एक चुनावी सभा के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी असम की सांस्कृतिक पहचान और महापुरुषों का सम्मान नहीं करती। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी को न तो कामाख्या देवी मंदिर की आस्था का मूल्य पता है और न ही संत श्रीमंत शंकरदेव जैसी ऐतिहासिक शख्सियतों का महत्व समझ में आता है।
‘प्रियंका गांधी के दौरे से ऐतराज नहीं, लेकिन मुकाबले में असम की महिलाएं आगे’
प्रियंका गांधी की संभावित असम यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर सरमा ने कहा कि उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि असम की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हर दृष्टिकोण से प्रियंका गांधी से कहीं अधिक सक्षम और सशक्त हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी महिलाएं पारंपरिक मिठाइयां जैसे लारू और पीठा बनाती हैं, खेतों में काम करती हैं और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई संभालती हैं। प्रियंका गांधी उनके सामने कहीं नहीं ठहरतीं।”
‘धुबरी से आगे देखे कांग्रेस, असम सिर्फ एक जिला नहीं’
असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई द्वारा प्रियंका गांधी की धुबरी यात्रा की जानकारी साझा किए जाने पर सीएम सरमा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ धुबरी को असम समझने की भूल कर रही है। उन्होंने कहा, “असम को जानना है तो कामाख्या मंदिर, बटद्रवा, चराइदेव मोइदाम और रंग घर जैसे स्थलों की भी चर्चा होनी चाहिए। सिर्फ धुबरी की यात्रा से राज्य की संस्कृति की समझ नहीं बनती।”
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के शीर्ष नेता असम के धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों से कटे हुए हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को मां कामाख्या और शंकरदेव जैसे महान संतों में कोई आस्था नहीं है। वे केवल धुबरी में रहने वाले एक खास समुदाय के मतदाताओं को देखकर असम की राजनीति करते हैं।”
‘प्रियंका से लोगों को कोई खास अपेक्षा नहीं’
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उन्हें प्रियंका गांधी के दौरे से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन राज्य के आम लोग उनके आगमन को लेकर विशेष उत्साहित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को असम की पूरी पहचान समझनी है तो उसे राज्य के अन्य हिस्सों में भी जाना होगा।