वडोदरा पुल हादसा: 13 की मौत, 24 घंटे बाद भी राहत कार्य जारी

गुजरात के वडोदरा जिले में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया, जब महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल अचानक ढह गया। यह पुल वडोदरा और आनंद जिलों को जोड़ता था और पाडरा क्षेत्र में स्थित है। हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि राहत एवं बचाव कार्य लगातार दूसरे दिन भी जारी है।

बुधवार सुबह वडोदरा के जिलाधिकारी अनिल धमेलिया ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की।

एसडीआरएफ और एनडीआरएफ कर रहीं बचाव कार्य

राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें मौके पर तैनात हैं और गोताखोरों की मदद से नदी में फंसे लोगों की तलाश की जा रही है। स्थानीय प्रशासन भी मशीनों और नौकाओं की सहायता से मलबा हटाने में जुटा है।

हादसे के वक्त पुल पर कई वाहन और राहगीर मौजूद थे। अचानक पुल का एक हिस्सा टूटकर नदी में समा गया, जिससे लोग और वाहन नीचे गिर गए। घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है।

एनडीआरएफ की छठी बटालियन के कमांडेंट सुरेंद्र सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने सहायता के लिए टीम की मांग की थी। घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने दूसरी टीम की तैनाती की सिफारिश की, जिसे तुरंत भेजा गया। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे से बचाव कार्य जारी है, और गोताखोरों ने कई शव नदी से बाहर निकाले हैं।

प्रधानमंत्री ने जताया दुख, की मुआवजे की घोषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वडोदरा में पुल ढहने की घटना अत्यंत दुखद है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।

पुल निर्माण, रखरखाव और भविष्य की योजना

गुजरात के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि यह पुल 1985 में बना था, और समय-समय पर इसका मेंटेनेंस किया गया था। हालांकि, दुर्घटना का सटीक कारण जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। तस्वीरों से पता चला है कि दो पिलरों के बीच का पूरा स्लैब नदारद है।

करीब 900 मीटर लंबे इस पुल में 23 खंभे हैं। बताया जा रहा है कि इस पुल की पिछले साल ही मरम्मत करवाई गई थी। साथ ही, बढ़ते यातायात को देखते हुए सरकार ने तीन महीने पहले 212 करोड़ रुपये की लागत से एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी थी। इसके डिज़ाइन और टेंडरिंग की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी।

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