हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने एक बार फिर से वक्फ विधेयक पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि वक्फ बिल मुसलमानों की चिंताओं को नजरअंदाज करने वाला है और हमारी संस्थाएं स्वायत्तता खो रही है. इसके सात ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शराब के इस्तेमाल को लेकर कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से जो बयान आया है वो बेहद गैर जिम्मेदार बयान है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के बारे में ये कहना कि ये टूरिस्ट प्लेस है और यहां शराब के इस्तेमाल की इजाजत मिलनी चाहिए ये सरासर गलत बात है हम इसकी निंदा करते हैं.
नेता ने कहा कि कि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल्य राज्य है. यहां हमेशा से टूरिज्म रहा है कोई आज की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में शराब के इस्तेमाल से इसे कहा ले जाने की कोशिश की जा रही है. नेता ने कहा कि भारत में ऐसे कई राज्य हैं जहां शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हमे उस मॉडल अपनाना चाहिए, लेकिन महज राजस्व के लिए शराब को बेचना ये बेहद गलत है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य के लोगों को फायदा नहीं पहुंचा सकते तो कम से कम उनका नुकसान न करें. नेता ने कहा कि जो हमारी तहजीब और संस्कृति है उसे खराब न करें. राजस्व के लिए शराब का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
‘कर्मचारियों को बर्खास्त करना बेहद निंदनीय’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तीन और राज्य कर्मचारियों को इस तरह तानाशाही तरीके से बर्खास्त करना बेहद निंदनीय है. उन्होंने सवाल किया कि क्या शासक धीरे-धीरे सभी कश्मीरियों को सरकारी सेवाओं से हटाकर बेरोजगार कर देना चाहते हैं? . उन्होंने कहा कि यह निर्वाचित प्रतिनिधियों का कर्तव्य है कि वे इस मुद्दे को संबंधितों के साथ फौरन उठाएं और इस उत्पीड़न को रोकें. उमर फारूक ने कहा कि इस्लामिक साहित्य पर प्रतिबंध लगाना गलत है.