आईपीएल में खेलने का सपना सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ियों का भी होता है. दुनिया की सबसे महंगी इस लीग में फ्रेंचाइजी टीमें विदेशी खिलाड़ियों को मोटी रकम देकर खरीदती हैं. लेकिन अगर यह खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन न करें तो टीम को काफी नुकसान पहुंचता है. इस सीजन में खेल रहे कुछ विदेशी खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक है. इन खिलाड़ियों के खराब परफॉर्मेंस पर भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने नाराजगी जताई है. उन्होंने इन विदेशी खिलाड़ियों पर जमकर निशाना साधा है. सहवाग ने कहा कि ये खिलाड़ी यहां पर खेलने नहीं आते हैं. वह कुछ और करने आते हैं.
जीत के लिए नहीं खेलते विदेशी खिलाड़ी
टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने इस सीजन में खेल रहे कुछ विदेशी खिलाड़ियों को निशाने पर लिया है. उनका कहना है कि वे यहां जीत के मकसद से खेलने नहीं आते हैं, बल्कि उनका ध्यान केवल पार्टियों पर होता है. सहवाग ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग को विदेशी खिलाड़ी छुट्टियां मनाने का एक मौका मानते हैं. उन्होंने ग्लेन मैक्सवेल और लियम लिविंगस्टन पर जमकर निशाना साधा. मैक्सवेल और लिविंगस्टन इस सीजन में बुरी तरह से नाकाम रहे हैं. इसके चलते दोनों को उनकी टीमों ने अब प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया.
भारत के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकबज़ के शो में कहा, “मेरे ख्याल से इन लोगों की रनों की भूख मिट चुकी है. इसलिए ये लोग यहां शायद हॉलीडे मनाने आते हैं. इन लोगों का टीम से कोई लगाव नहीं है. इसलिए ये टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. मैं बहुत सारे विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेला हूं और उनमें से एक या दो ही ऐसे लगे जिनमें ऐसा था कि हमें जीतना है. मैक्सवेल और लिविंगस्टन में मुझे ऐसा दिखता नहीं है. ये लोग सिर्फ बातें करते हैं और बातें करके चले जाते हैं.”
ग्लेन मैक्ग्रा की तारीफ की
सहवाग ने कहा कि डेविड वॉर्नर, ग्लेन मैक्ग्रा और एबी डिविलियर्स ही उन्हें ऐसे विदेशी खिलाड़ी लगे जिनमें जीतने की भूख थी. उन्होंने कहा, “जब मैं दिल्ली में खेला करता था तब उसमें डेविड वॉर्नर हुआ करते थे. एबी डिविलियर्स थे और ग्लेन मैक्ग्रा थे. मैक्ग्रा मुझसे बोलते थे कि मुझे खिला क्यों नहीं रहे हो. मुझे खिलाओ मैं जिताऊंगा लेकिन मेरा कॉम्बिनेशन ऐसा बैठता था कि या तो डर्क नैनिस को खिलाऊं या मैक्ग्रा को. इन तीन के अलावा बाकी बहुत खिलाड़ी आए और गए लेकिन वे आते हैं खेलकर चले जाते हैं.”
सहवाग यहीं नहीं रुके और विदेशी खिलाड़ियों के एटीट्यूड को घेरते हुए कहा, “पता तब चलता है जब आप सेमीफाइनल या प्लेऑफ का मैच हार गए तो भी सब पूछते हैं कि पार्टी कहां है. किसी को हार का अफसोस नहीं होता था. मुझे यह बहुत चुभता था. मैं अपने टीम मालिक को बोलता था कि यह लोग आते हैं, पैसे लेते हैं और एन्जॉय करके चले जाते हैं. इनमें यह भावना है ही नहीं कि हमें चैंपियन बनना हैं.” सहवाग ने साउथ अफ्रीका के डेविड मिलर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वे पंजाब किंग्स में थे तब स्पिन फ्रेंडली पिच पर प्रैक्टिस करते. इसके जरिए वे भारत के खिलाफ सीरीज की तैयारी पर ध्यान देते थे.
इस सीजन में मैक्सवेल और का लिविंगस्टन प्रदर्शन
इस सीजन में ग्लेन मैक्सवेल पंजाब किंग्स की ओर से खेल रहे हैं. इस दौरान उन्होंने 6 मैच खेले हैं. इन मैचों की 5 पारियों में वह केवल 41 रन ही बना पाए हैं. हालांकि वह 6 मैचों में 4 विकेट जरूर चटकाए हैं. जबकि इस बार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से खेल रहे हैं. उन्होंने 7 मैचों की 6 पारियों में केवल 87 रन ही बना पाए हैं. जबकि उन्हें दो सफलता मिली है.