बिहार में चुनावी मोर्चा संभालने को तैयार कांग्रेस, राहुल की अगुवाई में बनी रणनीति

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। सोमवार को नई दिल्ली में पार्टी की एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस दौरान मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बैठक में नेताओं से आग्रह किया कि वे SIR की प्रक्रिया को लेकर जनता के बीच जाएं और इसे जनांदोलन का रूप दें। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के जरिए आमजन, खासकर अल्पसंख्यक, दलित और वंचित तबकों को जोड़ने की आवश्यकता है।

राहुल गांधी का आरोप – आयोग के जरिये वोट कटवाने की कोशिश

राहुल गांधी ने नेताओं से कहा कि पार्टी को एक बड़ा चुनावी खाका तैयार करना चाहिए और यदि जरूरत पड़ी तो शीर्ष नेतृत्व भी मैदान में उतरने को तैयार है। उन्होंने आशंका जताई कि सत्ताधारी बीजेपी आयोग की प्रक्रिया का इस्तेमाल कर महागठबंधन के समर्थक गरीब और हाशिए पर खड़े मतदाताओं के नाम सूची से हटवाने की कोशिश कर सकती है। उन्होंने इसे गंभीर मुद्दा बताया जो चुनाव में बाधा बन सकता है।

तीसरे मोर्चे पर नहीं, महागठबंधन पर फोकस – कांग्रेस

बैठक में मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर चर्चा नहीं हुई, बल्कि कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और मजबूती से चुनाव लड़ने पर जोर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, नेतृत्व ने यह स्पष्ट किया कि तीसरे मोर्चे की अटकलों पर ध्यान न दिया जाए और लड़ाई को एनडीए बनाम महागठबंधन के रूप में ही देखा जाए।

पूर्णिया कांड पर कांग्रेस का हमला, राहुल ने पीड़ित परिवार से की बात

चुनावी तैयारियों के साथ ही कांग्रेस राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भी घेर रही है। सोमवार को पार्टी नेता विक्रांत भूरिया ने पूर्णिया की घटना को लेकर नीतीश सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी के निर्देश पर पीड़ित आदिवासी परिवार से मुलाकात की।

भूरिया ने बताया कि गांव में डर का माहौल है और लोग घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के पांच सदस्यों को बेरहमी से पीटने के बाद जलाने की कोशिश की गई। जब वे तालाब में कूदकर जान बचाने की कोशिश कर रहे थे, तब भी उन्हें नहीं बख्शा गया।

मुख्यमंत्री की चुप्पी पर उठाए सवाल

कांग्रेस ने इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब राहुल गांधी को इस परिवार की चिंता है, तो राज्य के मुख्यमंत्री को अब तक इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी गई? क्या ऐसी घटनाएं बिहार में सामान्य हो गई हैं या फिर राज्य सरकार इससे बेपरवाह है?

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