बिहार में आगामी चुनावों की तैयारियों के बीच जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार नई घोषणाएं कर रहे हैं, वहीं जनता दल (यूनाइटेड) को भीतर से झटके भी लग रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान परिषद सदस्य विनोद कुमार सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव धर्मेंद्र चौहान भी पार्टी छोड़ चुके हैं।

पार्टी की मौजूदा दशा से असंतुष्ट

अपने इस्तीफे में विनोद कुमार सिंह ने लिखा कि वर्तमान परिस्थितियों में जदयू में उनकी सक्रियता बनाए रखना बेहद कठिन होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी अब अपनी घोषित नीतियों पर नहीं चल रही है और समर्पित कार्यकर्ताओं की भूमिका सीमित होती जा रही है।

“शून्य से शिखर तक की यात्रा का हिस्सा रहा”

सीएम नीतीश कुमार को संबोधित पत्र में उन्होंने लिखा, “आपके आदर्शों और जनहितकारी दृष्टिकोण से प्रभावित होकर मैंने जदयू का दामन थामा था। पार्टी के शुरुआती दौर से लेकर आज तक के संघर्षों में मैंने निरंतर भागीदारी निभाई है। आप ही के आशीर्वाद से मुझे बिहार विधान परिषद का सदस्य बनने का अवसर मिला।”

“आदर बना रहेगा, लेकिन अब साथ संभव नहीं”

उन्होंने यह भी कहा कि वे अब पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहे हैं। हालांकि, उनके मन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति सम्मान पहले जैसा ही बना रहेगा। उन्होंने निवेदन किया कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए।

पार्टी छोड़ने के अपने निर्णय को उन्होंने पूरी तरह से आत्ममंथन के बाद लिया हुआ बताया और संकेत दिया कि जदयू के भीतर अब पुराने, समर्पित कार्यकर्ताओं की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है।